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Pakistan: पाकिस्तान में पीने का पानी बनाने वाले प्रोजेक्ट में भी घोटाला, CPEC में भ्रष्टाचार- चीन ने भी अपना माथा पीठा

पाकिस्तान में पीने के पानी का घोटाला!

चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर में मोटा पैसा फंसा कर चीन भी पश्चाताप कर रहा है। एक के बाद एक नए भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। चीन की सरकार पाकिस्तान में काम कर रहीं चीनी कंपनियां पाकिस्तानियों को भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार मान रही हैं और पाकिस्तान की सरकार चीनी कंपनियों को जिम्मेदार मानती है लेकिन न कुछ कह पा रही है और न कुछ कर पा रही है। भ्रष्टाचार की इन्हीं घटनाओँ के चलते सीपेक की कई परियोजनाएँ ठप हो गईं हैं। ऐसी ही एक योजना मीठा पानी प्रोजेक्ट है।

मीठा पानी प्रोजेक्ट चीन की कारीडोर परियोजना का है प्रमुख हिस्सा है। पाकिस्‍तान की जांच एजेंसी राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने विकास कायों में करोड़ों रुपये का घोटाला पकड़ा है। ग्वादर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा(सीपीइसी) का हिस्सा है। इमरान खान ने ग्वादर को दुबई जैसा बनाने का ख्वाव संजो रखा है। हालांकि, इस घोटाले के उजागर होने के बाद पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का कोई बयान नहीं आया है।

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार एनएबी (नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो) ने यहां बसने वाली ग्वादर पोर्ट सिटी में समुद्र के खारे पानी से शुद्ध पेयजल बनाने की योजना में भ्रष्टाचार पकड़ा है। इसमें प्रारंभिक जांच में सवा सौ करोड़ पाकिस्तानी रुपये (करीब साठ करोड़ भारतीय रुपये) का घोटाला मिला है। घोटाले की रकम जांच के बाद बढ़ सकती है। फ‍िलहाल, पाकिस्‍तान की जांच एजेंसी मामले की तह में जा रही है। जांच प्रक्रिया अभी जारी है। इसलिए यह उम्‍मीद की जा रही है कि घोटाले की रकम बढ़ सकती है।

एनएबी ने इस संबंध में बलूचिस्तान डवलपमेंट अथॉरिटी के तीन पूर्व चेयरमैन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इसके अलावा पांच तहसीलदारों सहित 15अन्य लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यहां पर जमीनों के आवंटन में भी भ्रष्टाचार किया गया है। जिसमें 844एकड़ जमीन अवैध तरीके से प्राइवेट लोगों को आवंटित कर दी गई। आवंटित जमीन की कीमत अरबों में बताई गई है। इसमें अभी जांच चल रही है, पूरी तरह से भ्रष्टाचार सामने आने में समय लगेगा। ज्ञात हो कि पाकिस्तान चीन की मदद से यहां पर दुबई जैसा ड्यूटी फ्री जोन बनाना चाहता है। ग्वादर अरब सागर में रणनीतिक रूप से अहम स्थान पर है।