आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला पाकिस्तान इस वक्त कंगाली के हाल में पहुंच गया है। यहां तक कि पाकिस्तान के पास अब इतने पैसे नहीं है कि वो अपने कर्मचारियों को वेतन दे सके। इमरान खान सरकार की हालत खस्ती होती जा रही है। यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को लोन देने से इनकार कर दिया है जिसके बाद इमरान खान की टेंशन बढ़ गई है। पाकिस्तान ने IMF में 6 अरब डॉलर लोन के लिए अर्जी दी थी जिसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने इंकार कर दिया है और साथ ही दी जाने वाली एक अरब डॉलर की अगली किश्त पर भी रोक लगा दी है।
इस वक्त पाकिस्तान का आलम यह है कि इमरान सरकार के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं है। इमरान सरकार को आईएमएफ के साथ 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर के एक्सटेंडेंट फंड फैसिलिटी (ईएफएफ) के तहत एक समझौते पर बातचीत चल रही थी, जिस पर बात नहीं बनी। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि पाकिस्तान सरकार की आर्थिक हालत और खराब होने वाली है।
पाक मीडिया की माने तो पाकिस्तान और आईएमएफ ने जुलाई 2019 में 6 अरब डॉलर के लोन के लिए करार किया था। मार्च 2021 में इस पर इस फिर से शुरू हुई लेकिन जून में बातचीत फिर बंद हो गई। करार के तहत आईएमएफ को 6 अरब डॉलर लोन के रूप में पाकिस्तान को एक अरब डॉलर की किश्त देनी थी। इसी लोन करार को लेकर दोनों पक्षों में बातचीत हुई, लेकिन पाकिस्तान आईएमएफ के अधिकारियों को संतुष्ट नहीं कर सका।
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खबर है कि, पाकिस्तान आईएमएफ के साथ मेमोरेंडम ऑफ इकोनॉमिक एंड फाइनेंशियल फॉलिसीज (MIFP) पर सहमति बनाने में नाकाम हो गया। आईएमएफ के अधिकारी अभी भी पाकिस्तान के आर्थिक ढांचे से असंतुष्ट हैं।