कंगाल पाकिस्तान की हालत दिन पर दिन और बदतर होते जा रहा है। इमरान खान की सरकार ने पाकिस्तान की लुटिया डुबो दी है। चोरों ओर से घिरे पाकिस्तान के पास अब एक ही रास्ता बचा है वो है भारत के सामने हाथ फैलाने का। दरअसल पाकिस्तान में चीनी की बढ़ती कीमतों और संकटों से जूझ रहे कपड़ा उद्योग को बचाने के लिए पाकिस्तान की इमरान खान सरकार आज भारत के साथ व्यापार की फिर से शुरुआत कर दी है।
महंगाई, भूखमरी से परेशान पाकिस्तान अब भारत से मदद की उम्मीद में है। हाल के दिनों में पाकिस्तान भारत से अपने संबंध सुधारने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है। समचार एजेंसियों के मुताबिक इमरान सरकार भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को बहाल करने को मंजूरी दे दी है। पाकिस्तान की आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी ने भारत से चीनी और कॉटन के आयात पर फैसला लिया है। इससे पहले अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ रिश्ते तोड़ लिए थे। पाकिस्तान सरकार चीनी और कॉटन का आयात ऐसे समय पर करने जा रही है जब इन दोनों के लिए पाकिस्तान को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
इसके पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिख कर कहा है कि जम्मू कश्मीर मुद्दा सहित दोनों देशों के बीच लंबित सभी मुद्दों का समाधान करने को लेकर सार्थक और नतीजे देने वाली वार्ता के लिए अनुकूल माहौल बनाना जरूरी है। खान ने यह पत्र पाकिस्तान दिवस के मौके पर पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उन्हें भेजी गई बधाइयों के जवाब में लिखा है।
इमरान खान के साथ पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने भी भारत के साथ रिश्ते सुधारने की पैरवी कर चुके हैं। बाजवा ने ने भारत की तरफ शांति का हाथ बढ़ाते हुए कहा था कि वक्त आ गया है कि दोनों पड़ोसी देश अतीत को भुला दें और आगे बढ़ें।