पाकिस्तान में लोकतंत्र नाम की चीज नहीं है। सेना से लेकर सांसद तक सभी पाकिस्तान को शर्मशार करने में लगे रहते हैं। बुधवार को फिर से संसद में एक ऐसी घटना घटी की इमरान खान अपना सर पटक लेंगे। संसद के निचले सदन नैशनल असेंबली में सत्तारूढ़ पीटीआई और विपक्षी दलों के सांसदों ने एक-दूसरे पर जमकर फाइलें बरसाईं और भद्दी-भद्दी गालियां दीं। इस दौरान वहां पर बड़ी संख्या में महिला सांसद भी मौजूद थीं। हालात को संभालने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी बुलाए गए लेकिन वे भी नाकाम रहे।
दरअसल यह पूरा विवाद उस समय शुरू हुआ जब विपक्षी पार्टी पीएमएल एन के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ सदन को संबोधित करने जा रहे थे। सदन में संघीय बजट 2021-22 पर चर्चा हो रही थी। इसी दौरान इमरान खान की पार्टी के नेता अली अवान ने विपक्षी दल के एक सांसद को भद्दी-भद्दी गालियां देना शुरू कर दिया। उन्होंने एक किताब भी विपक्षी सांसद पर उछाल दी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है।
“یہ ہم ہیں،
یہ ہماری پارلیمنٹ ہے
اور یہ قانون سازی ہو رہی ہے!” pic.twitter.com/viXwApvW0g— Mansoor Ali Khan (@_Mansoor_Ali) June 15, 2021
इमरान के सांसद के ऐसा करते ही संसद जंग का मैदान बन गई। सांसदों ने एक-दूसरे पर बजट की कॉपियों और अन्य वहां रखे अन्य सामान को उठाकर फेंकना शुरू कर दिया। सांसदों के बीच मारपीट की नौबत को देखते हुए सुरक्षाकर्मी बुलाए गए लेकिन वे नाकाफी साबित हुए। इसके बाद सदन के उच्च सदन सीनेट के भी सुरक्षाकर्मियों को नैशनल असेंबली में बुला लिया गया। इसके बाद भी नैशनल असेंबली में गालियों और एक-दूसरे पर फाइलें फेंकने का दौर जारी रहा। यह पूरा नजारा पाकिस्तानी टीवी चैनलों पर जनता ने लाइव देखा। बाद में शाहबाज शरीफ ने ट्वीट करके कहा कि आज पूरे देश ने टीवी चैनलों पर देखा कि किस तरह से सत्तारूढ़ पार्टी ने गुंडागर्दी की और गालियां दी। इससे पता चलता है कि इमरान खान और पार्टी पीटीआई फांसीवादी और घटिया पार्टी हो गई है।
पीएमएल एन की एक अन्य सांसद मरियम औरंगजेब ने इस पूरी घटना के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि यह इमरान खान के बनाए 'नया पाकिस्तान' की हकीकत है। यह फांसीवादी पार्टी की मानसिकता को दर्शाता है। इमरान खान ने संसद को अपाहिज बनाने और लोकतंत्र को कमजोर बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। यह इमरान खान की रियासत-ए-मदीना है।