इस वक्त कोरोना महामारी का संकट पूरी दूनिया में मंडरा रहा है। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी कोरोना के मामले बेकाबू हो गए हैं। आलम यह है कि पाकिस्तान में जल्द ही भूखमरी आ सकती है। दरअसल, पाकिस्तान के पास केवल तीन सप्ताह के लिए ही गेहूं बचा है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री शौकत तारिन ने बताया कि देश को 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं भंडार की तत्काल जरूरत है।
नेशनल प्राइस मॉनिटरिंग कमेटी (NPMC) के मुताबिक, इस साल गेहूं का अनुमानित उत्पादन 2.6 करोड़ मीट्रिक टन बताया गया है जोकि आने वाले साल की कुल खपत की तुलना में 30 लाख टन कम है। इसलिए देश को आयात करके रणनीतिक भंडार का निर्माण करना होगा।
पिछले हफ्ते तक पाकिस्तान में सिर्फ 6,47,687 टन गेहूं बचा था। गेहूं के मौजूदा उपभोग को देखते हुए यह बमुश्किल ढाई हफ्ते और चल सकता है। अप्रैल के अंत तक पाकिस्तान का गेहूं भंडार घटकर 3,84,000 मीट्रिक टन रह जाएगा। यह वो वक्त होगा जब गेहूं की कटाई शुरू होगी।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गेहूं का स्टॉक 4 लाख मीट्रिक टन से भी कम हो गया है। जबकि सिंध प्रांत में यह 57,000 मीट्रिक टन बचा है। खैबर-पख्तुनख्वा में 58,000 टन और सेवा निगम PASSCO में 1,40,000 मीट्रिक टन गेहूं का स्टॉक बचा है। इन्हे किसानों से 63 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का काम सौंपा गया है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में 700 अरब रुपए की बढ़ोतरी होगी। वित्त मंत्रालय के हवाले से कहा गया है कि एनपीएमसी ने पिछले सप्ताह के दौरान आवश्यक वस्तुओं, विशेषकर गेहूं के आटे, चीनी, घी, चिकन, अंडे और सब्जियों के मूल्य रुझानों की समीक्षा की।