इमरान खान को लेकर पाकिस्तानी राजदूतों में भारी गुस्सा भर गया है और ये गुस्सा अब लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसा किसी भी देश के इतिहास में शायद पहली बार होगा जब अपने ही देश के प्रधानमंत्री को राजदूत नासमझ कह दें। अलग अलग देशों में मौजूद पाकिस्तानी राजदूतों ने प्रधानमंत्री इमरान खान को नासमझ प्रधानमंत्री कहा है
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एक राजदूत ने ट्वीट कर ये भी कहा कि 'इमरान खान को किसी भी मुद्दे की समझ नहीं है और किसी भी मसले पर बोलने से पहले इमरान खान को पहले होमवर्क कर लेना चाहिए और मुद्दे पर पढ़ लेना चाहिए'। पाकिस्तानी राजदूत अपने ही प्रधानमंत्री पर इसलिए भड़क गये हैं क्योंकि इमरान खान ने 2 दिन पहले कहा था कि पाकिस्तानी राजदूतों को भारतीय राजदूतों से सीखना चाहिए।
इमरान खान ने कहा, 'भारतीय दूतावास अपने देश में निवेश लाने के लिए अधिक सक्रिय हैं और वे अपने नागरिकों को भी बेहतर सेवाएं दे रहे हैं।' पाकिस्तान के इतिहास में पहली महिला विदेश सचिव तहमीना जंजुआ ने ट्वीट किया, विदेश मंत्रालय की इस अवांछित आलोचना से बहुत निराश हूं। उन्होंने कहा कि खान की यह टिप्पणी उनकी विदेश सेवा के प्रति समझ की कमी को इंगित करता है।
पूर्व विदेश सचिव सलमान बशीर ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि, सम्मान के साथ मान्यवर, विदेश मंत्रालय और राजदूतों के प्रति आपकी नाराजगी और आलोचना को गलत समझा जाता है। सामान्य तौर पर समुदाय की सेवा अन्य विभागों में निहित है जो पासपोर्ट और राजनयिक सत्यापन आदि का काम देखते हैं। हां, मिशन को अपने दरवाजे खुले रखने चाहिए।
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बशीर ने कहा कि पाकिस्तान विदेश सेवा और विदेश कार्यालय ने वह किया जो करना चाहिए और वह प्रोत्साहन और समर्थन का हकदार है। बशीर खासतौर पर इमरान खान द्वारा भारतीय राजनयिकों की प्रशंसा किए जाने से नाराज हैं। उन्होंने कहा, भारतीय मीडिया प्रधानमंत्री द्वारा पाकिस्तान की विदेश सेवा की आलोचना और भारतीय विदेश सेवा की प्रशंसा से प्रसन्न है। यह क्या तुलना है!