'एशियन डेवलपमेंट बैंक, वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ से दुत्कार दिए जाने के बाद पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कराची एयरपोर्ट गिरवी रख कर कर्जा लिया है। कराची एयरपोर्ट चीन के हाथों गिरवी रखा गया है। चीन ने भी पाकिस्तान को बिना किसी गारंटी के कर्जा देने इंकार कर दिया था। इसलिए इमरान खान के सामनेलाहौर एयरपोर्ट को गिरवी रखने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था।'
रोजमर्रा के खर्चों के लिए भी पैसा न होने से परेशान पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने लाहौर एयरपोर्ट चीन के हाथों गिरवी रख दिया है। इसके अलावा कई हाईवेज को भी गिरवी रखा गया है। इन सबको गिरवी रखने से पाकिस्तान की सरकार को लगभग 18 सौ करोड़ रुपये मिलेंगे। इस पैसे से सरकारी मातहतों और अफसरों की सेलरी के अलावा सरकार के डेली खर्च का भुगतान किया जाएगा।
इससे पहले पाकिस्तानी मीडिया ने सूचना मंत्री फवाद चौधरी के हवाले से खबरें छापी थीं कि सुकूक बॉन्ड के जरिए धन जुटाया जाएगा। इस कड़ी में इस्लामाबाद एक्सप्रेसवे इस्लामाबाद पेशावर मोटर वे और इस्लामाबाद लाहौर और मुल्तान के एयरपोर्ट गिरवी रखे जाएंगे। सुकूक बॉन्ड घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के लिए खुले होंगे।
हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान में सुकूक बॉन्ड के जरिए कर्ज पर धन जुटाया गया हो। नवम्बर 2017 में पाकिस्तान ने बॉन्ड के जरिए 2.5 अरब डॉलर जुटाए थे जिनमें से 1 अरब डॉलर 5 साल की अवधि के लिए जारी सुकूक बॉन्ड के सहारे जमा हुए थे। साथ ही माना जा रहा है कि पाक सरकार बजट घाटे को पाटने के लिए बॉन्ड के जरिए धन जुटाने की कोशिश कर रहा है।
सुकूक दरअसल, शरिया सम्मत कर्ज प्रणाली है जिसमें कर्ज से होने वाली आय को जहां हलाल माना जाता है वहीं उसके जरिए जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल भी हलाल कामों में ही किया जाता है। मुस्लिम बहुल देशों में सुकूक बॉन्ड आसान कर्ज का जरिया बन रहे हैं।