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पाक की नापाक साजिश, भारत के खिलाफ तुर्की से मांगी फौज और हथियार, इमरान के लिए अपनी आर्मी कुर्बान करेंगे एर्दोगान?

पाक राष्‍ट्रपति डॉक्‍टर आरिफ अल्‍वी ने तुर्की के सैन्य सहायता

पाकिस्तान फिर से कोई नई चाल के फिराक में है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्‍वी ने तुर्की सेना प्रमुख जनरल उमित दुंदार के साथ एक मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद वो भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। अल्‍वी ने भारत के उपर कई आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि भारत पाकिस्तान में आतंक फैला रहा है। उन्‍होंने जनरल उमित से पाकिस्‍तान की मदद करने का आह्वान किया। पाकिस्‍तानी राष्‍ट्रपति का यह बयान भारत के लिए कान खड़े करने वाला है। दोनों देश अंदर ही अंदर कई रक्षा सयोग पर बात कर रहे हैं।

अल्‍वी ने कहा कि भारत में परमाणु बम में इस्‍तेमाल होने वाले यूरेनियम का अवैध व्‍यापार होता है लेकिन अंतरराष्‍ट्रीय इस पर चुप्‍पी साधे हुए है। उन्‍होंने कश्‍मीर में अनुच्‍छेद 370 को खत्‍म करने का भी मुद्दा उठाया। पाकिस्‍तानी राष्‍ट्रपति ने जोर देकर कहा कि पाकिस्‍तान तुर्की के साथ मिलकर दोनों के बीच सहयोग को और मजबूत करेगा। उन्‍होंने कहा कि व्‍यापार, रक्षा और संस्‍कृति के क्षेत्र में व्‍यापक अवसर मौजूद हैं। पाक राष्‍ट्रपति ने आशा जताई कि दोनों देशों के बीच सैन्‍य प्रशिक्षण सहयोग का समझौता सेना के स्‍तर पर सहयोग को और ज्‍यादा बढ़ावा देगा। उन्‍होंने कश्‍मीर और एफएटीएफ पर सहयोग करने के लिए तुर्की को धन्‍यवाद दिया। उन्‍होंने खलीफा बनने का सपना देख रहे तुर्की के राष्‍ट्रपति एर्दोगन की जमकर प्रशंसा की और कहा कि वह मुस्लिमों की एकजुटता पर जोर दे रहे हैं। इस बीच पाकिस्‍तान सेना ने जनरल उमित को सैन्‍य पुरस्‍कार से नवाजा है।

इससे पहले पाकिस्‍तान और तुर्की के बीच गहराती नापाक दोस्‍ती पर ग्रीस के विशेषज्ञों ने भारत को चेतावनी दी थी। खबरों में कहा गया है कि पाकिस्‍तान परमाणु बम और मिसाइल तकनीक को तुर्की को ट्रांसफर कर रहा है। इस खबर के बाद से पूरी दुनिया हिली हुई है। विशेषज्ञों ने कहा कि पाकिस्‍तान और तुर्की के बीच इस दोस्‍ती से ग्रीस और भारत में आतंकवाद और क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर बड़ा खतरा पैदा हो गया है।

ग्रीस के अंतरराष्‍ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ प्रफेसर जॉन नोमिकोस ने कहा कि तुर्की-पाकिस्‍तान की सांठगांठ भारत और ग्रीस के लिए बड़ा खतरा बन गई है। उन्‍होंने कहा कि तुर्की, पाकिस्‍तानी और चीनी खुफिया एजेंसियां जम्‍मू-कश्‍मीर में अस्थिरता फैलाने के लिए एकसाथ मिलकर काम कर रही हैं।