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गिरती अर्थव्यवस्था के बीच पाकिस्तान को भारत की आई याद, Shahbaz Sharif बोले- अच्छा संबंध चाहता हूं… लेकिन- आतंकवाद के मसले पर साधी चुप्पी

गिरती अर्थव्यवस्था के बीच पाकिस्तान को भारत की आई याद

कंगाली के कगार पर खड़ा पाकिस्तान अब भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंधों की इच्छा जताई है। लेकिन, जब आतंकवाद का मामला आया तो वो चुप्पी साध लिए। जबकि, भारत लगातार ये कह रहा है कि जबतक आतंकवाद पर पाकिस्तान नकेल नहीं कसता है तबतक कोई बातचीत नहीं होगी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंदों की इच्छा जताई है। उन्होंने समानता, न्याय और आपसी सम्मान के सिद्धांतों और कश्मीर मुद्दे के समाधान के आधार पर भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंधों की इच्छा व्यक्त की है।

भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंधों की इच्छा जताने वाले शहबाज शरीफ आंतकवाद के मुद्दे पर चुप्पी साधे रखे हैं। जबकि भारत पाकिस्तान को बार-बार आतंकवाद के खिलाफ एक एक्शन की याद दिलाता रहा है। पाकिस्तान प्रायोजित सीमा पार से आतंकवाद और कश्मीर मुद्दे को लेकर द्विपक्षीय संबंधों में तनाव के बीच शरीफ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दक्षिण एशिया में स्थायी शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सहायक भूमिका निभाने का भी आग्रह किया। एक पाकिस्तानी अखबा4र ने बताया है कि, शरीफ ने पाकिस्तान में ऑस्ट्रेलिया के नवनियुक्त उच्चायुक्त नील हॉकिन्स के साथ बैठक के दौरान ये विचार व्यक्त किए।

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पाक पीएम ने कहा कि- पाकिस्तान समानता, न्याय और आपसी सम्मान के सिद्धांतों के आधार पर भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है। इस संदर्भ में, प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुसार जम्मू कश्मीर विवाद का एक उचित और शांतिपूर्ण समाधान अपरिहार्य है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस संबंध में एक सहायक भूमिका निभानी होगी, क्योंकि यह दक्षिण एशिया में स्थायी शांति और स्थिरता के लिए आवश्यक है।

बता दें कि, भारत लगातार कहता आया है कि पाकिस्तान आतंक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में इस्लामाबाद के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है। इसके साथ ही यह भी कहा है कि, आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है। शरीफ की यह टिप्पणी भारत द्वारा जम्मू कश्मीर में रहने वाले गैर-स्थानीय लोगों को मतदान सूची में अपना नाम दर्ज कराने और केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव में मतदान करने की अनुमति देने के निर्णय के कुछ दिनों बाद आई है। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से पहले, राज्य संबंधी कानून के तहत केवल जम्मू कश्मीर के स्थायी निवासी मतदान के हकदार थे।