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आतंकवाद का खुदा आतंक से परेशान.. Talibani धमकी से डरे बिलावल, बोले- नहीं करेंगे सर्जिकल स्ट्राइक

Taliban Attacks on Pakistan

Pakistan Scared With Taliban: पाकिस्तान इस वक्त न सिर्फ कंगाल हुआ पड़ा है बल्कि, अपने ही बसाये हुए आतंकवाद से भी परेशान है। हाल यह है कि, तहरीक-ए-तालिबान-पाकिस्तान इस वक्त पूरे मुल्क में जबरदस्त हमले कर रही है। TTP तो पाकिस्तान में अलग देश की मांग कर रही है। पाकिस्तान का आरोप है कि, तालिबान TTP के आंतकियों को अफगानिस्तान में पनाह देते है। ऐसे में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की सीमा में घुसकर ऑपरेशन करने की बात कही थी। जिसके बाद तालिबान ने धमकी देते हुए कहा था कि, जवाब तगड़ा मिलेगा। अब पाकिस्तान तालिबान की धमकी के बाद डर (Pakistan Scared With Taliban) गया है। जिसके बाद उसने अपना इरादा बदल दिया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि, अतंकवाद संगठनों (Pakistan Scared With Taliban) से कोई बात नहीं होगी। पाकिस्तान ने जिसे जन्म दिया उसी को अपनाने से अब मना कर रहा है। क्या हुआ… जब तक ये आतंकी भारत में आतंकवाद फैला रहे थे तब तक तो बहुत खुश थे अब जब अपने ही मुल्क में हमले होने लगे तो समझ आया कि आतंकवाद क्या होता है। पाकिस्तान जो बोया वही काट रहा है। दुनिया के सामने घड़ियालू आंशू बहाने से कोई फायदा नहीं। पाकिस्तान में आर्थिक संकट आना ही था, जिस देश में आतंकवाद तो पाला-पोसा जाता है, जिस देश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, जिस देख की आर्मी दबा कर घपले पर घपला करती है, जिस देश के प्रधानमंत्री गिफ्ट में मिली चीजों को बेच देते हों, जिस देश की सरकार अपनी जमीनों को दूसरे देशों के पास गिरवी रख दी हो। तो उस देश में तो आर्थिक भूचाल तो आएगा ही। पाकिस्तान परेशान किसी और की वहज से नहीं बल्कि, अपनी वजह है। आज आतंकवाद समझ आ रहा है क्या है?

तालिबान की धमकी के बाद झुका पाकिस्तान
बिलावल भुट्टो जरदारी का कहना है कि, पाकिस्तान का अफगानिस्तान की सीमा में घुसकर किसी ऑपरेशन का कोई इरादा नहीं है। बिलावल ने स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर अनादोलु एजेंसी से कहा कि हमें क्रॉस-बॉर्डर ऑपरेशन शुरू करने में ‘कोई दिलचस्पी नहीं’ है। एक लंबा युद्ध देखने के बाद हम और सैन्य हस्तक्षेप की वकालत नहीं करते हैं। अगस्त 2021 में तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंध सहज नहीं रहे हैं। हाल के महीनों में पाकिस्तान में आतंकी हमले तेज हो गए हैं। पाक सरकार इन हमलों के लिए तहरीक-ए-तालिबान को जिम्मेदार ठहराती है, एक ऐसा प्रतिबंधित आतंकी समूह जिस पर अफगान तालिबान की शरण का आरोप लगता है। बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि सरकार उन आतंकवादी संगठनों के साथ कोई बातचीत नहीं करेगी जो देश के कानूनों और संविधान का सम्मान नहीं करते हैं। अरे अरे बिलावल भुट्टो…. कौन सा आतंकी कानूनों और संविधान का सम्मान करता है। सरकारी समाचार एजेंसी ‘एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान’ के अनुसार दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक के दौरान ‘वाशिंगटन पोस्ट’ के साथ एक इंटरव्यू में, बिलावल ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के प्रति तुष्टिकरण की नीति अपनाने का भी आरोप लगाया।

आतंकवाद को जन्म देने वाला आतंकवाद से परेशान
बिलावल ने कहा कि, मुझे विश्वास है कि अगर हम अफगान अंतरिम सरकार के साथ काम कर सकते हैं, जिसका इन समूहों पर प्रभाव है, तो हम अपनी सुरक्षा कायम रखने में सफल होंगे।’ उन्होंने कहा कि देश का नया नेतृत्व, राजनीतिक और सैन्य दोनों, उन आतंकवादी संगठनों से कोई बातचीत नहीं करेगा जो देश के कानूनों और संविधान का सम्मान नहीं करते हैं। बिलावल से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान को उम्मीद है कि नई अफगान सरकार टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई करेगी। इसके आगे बिलावल कहते हैं कि, हम दोनों आतंकवाद के शिकार हैं। मैं नहीं मानता कि आतंकवाद के खिलाफ अफगानिस्तान की सरकार अपने दम पर सफल होगी और न ही हम अपने दम पर आतंकवाद के खिलाफ सफल होंगे। हमें मिलकर काम करना होगा। बिलावल ने कहा, ‘पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी का पूरा उद्देश्य पाकिस्तान को एक लोकतांत्रिक देश बनाना है। हमारा मानना है कि चरमपंथ और आतंकवाद से निपटने का एकमात्र तरीका लोकतंत्र है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस साल प्रधानमंत्री बन सकते हैं, बिलावल ने कहा कि उन्हें पहले चुनाव जीतना होगा। आतंकवाद से पाकिस्तान परेशान क्यों होने लगा, उसका का खुदा वही है। आतंकवाद को जन्म ही पाकिस्तान ने दिया है।