निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन के काम काज संभालने से पहले ही अमेरिकी प्रशासन ने पाकिस्तान को तेवर दिखलाने शुरू कर दिए हैं। अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि आतंकी मास्टर माइंड जकीउर्रहमान की गिरफ्तारी और सजा काफी नहीं है। पाकिस्तान सरकार को चाहिए कि जकीउर्रहमान को मुंबई में 26/11 को हुए हमलों के आरोप में मुकदमा चलाया जाए। अमेरिकी प्रशासन ने यह बात किसी डिप्लोमेटिक चैनल से नहीं बल्कि ट्वीटर के माध्यम से कही है। इससे यह भी पता चलता है कि अमेरिका का नया प्रशासन पाकिस्तान और पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की हर हरकत पर नजदीकी से नजर रख रहा है। दरअसल पाकिस्तान एफएटीएफ की ब्लैकलिस्ट से बचने के लिए कुछ आतंकियों के खिलाफ कथित कार्रवाई की दिखावा कर रहा है। पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई के लिए 1 से 6 फरवरी के बीच एफएटीएफ की खास बैठक होने वाली है।
ध्यान रहे जब-जब एफएटीएफ की बैठक की तारीख नजदीक आती है तब-तब पाकिस्तान दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए आतंकियों के खिलाफ कथित कार्रवाई की ड्रामा करता है। भारत एफएटीएफ को पाकिस्तान की इन हरकतों के बारे में अवगत कराता रहा है। भारत ने पाकिस्तान के फेडरल मंत्री फवाद चौधरी के उस बयान को भी एफएटीएफ के पास भेजा है जिसमें वो पुलवामा में सशस्त्र बलों के जवानों पर किए गए हमलों के लिए अपनी पीठ ठोंक रहे थे और भारत को घर में घुस कर मारने की शेखी बघार रहे थे।
We are encouraged by the recent conviction of Zaki ur Rehman Lakhvi. However, his crimes go far beyond financing terrorism. Pakistan should further hold him accountable for his involvement in terrorist attacks, including the Mumbai attacks.
— State_SCA (@State_SCA) January 9, 2021
केवल अमेरिका ही नहीं दुनिया के लगभग सभी देश इस बात को जानते हैं कि पाकिस्तान की सरकार और आर्मी हक्कानी नेटवर्क के अलावा, अफगान तालिबान, आईएसकेपी (आईएसआईएस की शाखा) हथियार, पैसे और रिक्रूट्स मुहैया करवा रहा है। पाकिस्तान में आतंकियों को पनाह दी जाती है। उनके घर परिवार को पाकिस्तान आर्मी सुरक्षा में रहते हैं। इसलिए आतंक के खिलाफ पाकिस्तान की किसी भी प्रक्रिया पर विश्वास करना प्रायः असंभव है। इसीलिए अमेरिका के दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो (SCA) ने कहा कि यह अच्छा है कि आतंकी मास्टर माइंट जकीउर्रहमान लखवी को सजा सुनाई गई है, अब पाकिस्तान सरकार को चाहिए कि वो उसे 26/11 मुंबई हमलों के लिए भी जिम्मेदार ठहराए और सजा दे।
हालांकि, पाकिस्तान ने एफएटीफ के एक्शन से बचने के लिए ये कदम उठाया है।अगर उसने आतंकवाद को रोकने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है। पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाता है तो पहले से ही आर्थिक संकट में घिरे पाकिस्तान की कई आर्थिक मददें रुक जाएंगी।.