Pakistan-Taliban soldiers clash: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जा में सबसे बड़ा हाथ पाकिस्तान का रहा। पाकिस्तान ने ही हर तरह से तालिबानियों की मदद की जिसकी वजह से वो देश पर कब्जा करने में कामयाब रहे। पाकिस्तान ने तो पूरी दुनिया के सामने तालिबान का जमकर गुणगान किया, सबसे पहले अपना समर्थन दिया और गला फाड़-फाड़ कर दुनिया को उसके साथ आने के लिए कहा। लेकिन, पाकिस्तान यहां अपना स्वार्थ देख रहा था। उसके इसी स्वार्थ के चक्कर में आज तालिबान और पाकिस्तान (Pakistan-Taliban soldiers clash) एक दूसरे के खून के प्यासे बने हुए हैं। पाकिस्तान ने तालिबान के सत्ता में आते ही डूरंड लाइन पर बाड़ का काम शुरु कर दिया, उसे लगा कि तालिबान कुछ नहीं बोलेगा। लेकिन, उसे क्या पता था कि तालिबान उसके ही खिलाफ बगावत कर बैठेगा। तालिबान ने बाड़ लगाने के काम को रोकने के लिए कहा और इसी के बाद से दोनों देशों में भिड़ंत शुरू हो गया। अब एक बार फिर से तालिबान और पाकिस्तान (Pakistan-Taliban soldiers clash) के बीच स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। दोनों ओर से गोली चली है जिसमें पाकिस्तान के तीन सुरक्षा अधिकारी घायल हो गये हैं।
डूरंड लाइन पर आमने सामने पाकिस्तान और तालिबान
पाकिस्तान व अफगानिस्तान की सीमा डूरंड लाइन पर तालिबान और पाकिस्तानी सैनिकों के भिड़ंत में फायरिंग के चलते कई लोग घायल भी हुए हैं। पाकिस्तानी अखबार डॉन न्यूज के मुताबिक, अफगानिस्तान की तरफ से हुई गोलीबारी में सात लोग घायल हुए हैं जिनमें दो बच्चे और तीन सुरक्षा अधिकारी शामिल हैं। हालांकि सोमवार को व्यापार और पैदल यात्रियों की आवाजाही के लिए हफ्ते भर से बंद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से लगी अपनी चमन सीमा को फिर से खोल दिया है। डॉन न्यूज की सोमवार को प्रकाशित रिपोर्ट में दावा किया गया कि इस झड़प में पाकिस्तान के एक सैनिक की मौत हुई है और चार घायल हैं। अभी हताहतों का सही आंकड़ा नहीं मिल पाया है।
पाकिस्तान मदद की आड़ में ढूंढ रहा अपना फायदा
अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता स्थापित होने के बाद से डूरंड लाइन पर पाकिस्तान के साथ दोनों में कई बार झड़पें हो चुकी हैं। रविवार को भी एक-दूसरे के प्रांतों में आने-जाने और बाड़बंदी को लेकर दोनो पक्षों ने गोलीबारी की। यह झड़प अफगानिस्तान के पक्तिया प्रांत के डांड-ए-पाटन इलाके व पाकिस्तान के बारोकाई क्षेत्र में हुई है। इससे पहले 13 नवंबर को दक्षिणी स्पिन बोल्डक सीमा पर एक हथियारबंद शख्स ने एक पाकिस्तानी सैनिक की हत्या कर दी थी। दरअसल, अफगानिस्तान के बहुसंख्यक पख्तून और तालिबान डूरंड लाइन को आधिकारिक सीमा रेखा नहीं मानते। पख्तूनों का आरोप है कि इस लाइन ने उनके घरों को बांट दिया है। वे गत 100 वर्षों से उस इलाके में परिवार और कबीले के साथ रहते थे, लेकिन अंग्रेजों ने एक चाल के तहत पख्तून बहुल क्षेत्रों के बीच से यह लाइन खींची। पाकिस्तान डूरंड लाइन पर बाड़ भी लगा रहा है जिसका तालिबान कड़ा विरोध कर रहा है। यही कारण हो कि दोनों देशों के बीच आए दिन झड़पें होती रहती हैं। इसे लेकर कई बार बात भी हुई लेकिन, कोई हल नहीं निकल सका।
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