आतंकवाद का गढ़ पाकिस्तान (pakistan) ने जब आतंकियों को जन्म देने शुरू किया था तो उसे अंदाजा नहीं था कि यही आतंकी एक दिन उसके लिए सबसे बड़ी परेशानी बन जाएंगी। ये आतंकी इतने बड़े नासूर बन गये हैं कि पाकिस्तान बुरी तरह उसमें उलझ गया है। आर्थिक तंगी और बाढ़ से जूझ रहे इस मुल्क में आतंक सिर चढ़ कर बोल रहा है। अब आतंकी पाकिस्तान को ही दो टुकड़े करना चाहते हैं। इस बीच एक बड़ी खबर आ रही है कि, पाकिस्तान में आतंकवादी घटनाएं तेजी से बढ़ गई हैं। ज्यादातर हमलों में पाक सेना को निशाना बनाया जा रहा है। नए-नए आतंकी संगठन अब सिर उठाने लगे हैं। एक आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान ने शुक्रवार को दावा किया कि उसने बलूचिस्तान में एक आर्मी कैंप पर कब्जा कर लिया है।
संगठन के प्रवक्ता ने खुद ट्विटर पर इसकी जानकारी दी। प्रवक्ता ने दावा किया कि आतंकियों और सेना के बीच रात भर लड़ाई चली जिसमें 40 से सैनिक मारे गए। हालांकि इस दावे की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान के प्रवक्ता मुल्ला मुहम्मद कासिम ने एक ट्वीट में कहा, ‘कल रात से हमारे लड़ाके मुस्लिम बाग बलूचिस्तान के फौजी कैंप में घुस आए हैं और अभी भी एक भयंकर युद्ध चल रहा है। मैं बाकी जानकारी बाद में दूंगा।’ इसके कुछ देर बाद प्रवक्ता ने एक दूसरा ट्वीट किया, ‘अपडेट… सेना कैंप से भाग रही है और कैंप पर हमारे लोगों ने पूरी तरह कब्जा कर लिया है। मैं और जानकारी दूंगा।’
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40 सैनिकों की मौत का दावा
मुहम्मद कासिम ने अगले ट्वीट में कहा, ‘सेना कैंप की दीवारों को बारूद से तोड़कर भाग रही है। अब तक 40 जवानों की लाशें हमारे साथियों के सामने पड़ी हैं।’ फिलहाल इस संबंध में पाकिस्तान सेना ने कोई बयान जारी नहीं किया है। पड़ोसी देश अफगानिस्तान में तालिबान राज आने के बाद से पाकिस्तान सेना पर आतंकी हमले बढ़ गए हैं। तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) ने पिछले साल 262 आतंकी हमले किए जिनमें ज्यादातर पाक सैनिकों को निशाना बनाते हुए किए गए थे।
तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान क्या?
तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान यानी टीजेपी पाकिस्तान का नया आतंकी संगठन है। टीजेपी का दावा है कि उसके जासूस पाकिस्तानी सेना में मौजूद हैं। पिछले महीने अप्रैल में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के लक्की मरवत जिले में स्थित एक सैन्य शिविर पर आत्मघाती हमला हुआ था। इसमें 5 से ज्यादा सैनिकों की मौत हो गई थी। खबरों की मानें तो इस शिविर में आतंकवादियों को टॉर्चर कर उनसे राज उगलवाए जाते थे।