लता मंगेशकर के निधन की खबर सुनकर न सिर्फ देश में बल्कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी मातम पसरा हुआ है। लता मंगेशकर की सुरीली आवाज के दिवाने पाकिस्तान की लाखों-करोड़ों आवाम है। लता मंगेशकर ने अपने गानों के लिए पाकिस्तान के लोगों का खूब प्यार बटोरा। लेकिन एक वक्त ऐसा था, जब लता मंगेशकर पर पाकिस्तान के एक शासक ने उनपर बैन लगा दिया था। पाकिस्तान में उनके कॉन्सर्ट को हटा दिया गया था। ये शासक कोई और नहीं बल्कि जनरल मुहम्मद जिया उल हक है।
जिया उल ने देश में महिलाओं की संगीत और अन्य कला प्रस्तुति पर प्रतिबंध लगाया था। 1982 में दिए इंटरव्यू में जब मशहूर पत्रकार कुलदीप नैयर ने सवाल को घुमाते हुए पूछा- 'भारतीय कहते हैं कि जब भी वे किसी सांस्कृतिक दल को पाकिस्तान ले जाना चाहते हैं तो पाकिस्तान में उसका स्वागत नहीं होता। ऐसे ही एक दल में लता मंगेशकर समेत कुछ प्रमुख महिला गायिकाएं शामिल थीं।?' इस सवाल के जवाब में जिया उल ने कहा- 'मैं जिम्मेदार व्यक्ति हूं। मुझे खुद लता मंगेशकर के गीत पसंद हैं, लेकिन अगर आप उन्हें गाने के लिए पाकिस्तान भेजना चाहते हैं, तो मैं अभी इसे मना करुंगा, क्योंकि यह मौजूदा पाकिस्तानी भावना के अनुकूल नहीं है।'
जिया उल ने 1977 में जुल्फिकार अली भुट्टो की निर्वाचित सरकार को अपदस्थ करने के बाद सैन्य तख्तापलट कर सत्ता संभाली थी। उन्होंने अपने चुने हुए न्यायाधीशों के माध्यम से भुट्टो को हत्या के एक मामले में फांसी की सजा दिलवाई थी। जिया ने पाकिस्तान के इस्लामीकरण की अपनी योजना के दौरान इस्लाम के नाम पर कई पाबंदियां लगाई थी, जिसमें महिला कलाकारों की प्रस्तुति पर पाबंदी भी शामिल थी। वह 1978 में पाकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष बने थे और 1988 में विमान दुर्घटना में मारे जाने तक इस पद पर रहे थे।