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नापाक नीयतः पाकिस्तान के 'जिहादी' अफसरों ने यूएन मिशन को भी नहीं बख्शा

नापाक नीयतः पाकिस्तान के 'जिहादी' अफसरों ने यूएन मिशन को भी नहीं बख्शा

हाल ही में कांगो में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन पर काम कर रहे पाकिस्तानी सेना के एक कर्नल साकिब मुश्ताक को संयुक्त राष्ट्र के मिशन पर काम कर रहे दूसरे लोगों का मुसलमान बनाते हुए पकड़ा गया। कर्नल साकिब मुश्ताक संयुक्त राष्ट्र के मिशन के डिप्टी कमांडर हैं। इस मसले पर मिशन के जनरल हेडक्वार्टर ने संज्ञान लिया और एक इंक्वायरी शुरू कर दी। कांगो एक ईसाई बहुल देश है जिसमें इस्लाम अल्पसंख्यक समुदाय है। पाकिस्तान के शांति मिशन पर आए दल ने कांगो में कई मस्जिद भी बनवाई हैं ।
<h4>कांगो में क्रिश्चियंस के कनवर्शन में लिप्त पाकिस्तानी अफसर</h4>
ऐसा पहली बार नहीं हो रहा कि किसी अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान ने ऐसी हरकत की हो। संयुक्त राष्ट्र के इस मिशन में पाकिस्तान 1999 में शामिल हुआ था और तभी से पूर्वी कांगो में पाकिस्तान का यह दल इस्लाम का प्रचार करता रहा है। इससे पहले पाकिस्तान के एक क्रिकेटर अहमद शहजाद ने भी क्रिकेट जैसे खेल को बदनाम करने की कोशिश की थी। इस हरकत को अहमद शहजाद में एक निजी वार्ता बताया जबकि क्रिकेट बोर्ड ने इसका संज्ञान लिया। मीडिया में यह घटना क्रिकेट जिहाद के नाम से जानी गई।
<h4>मेजबान देशों साजिश भी रचते हैं पाकिस्तानी राजनयिक</h4>
इस्लाम के अलावा पाकिस्तानी डिप्लोमेट्स दूसरे देशों में आंतकवाद फैलाने और मेजबान देश की सरकार के खिलाफ साजिश रचने में भी शामिल रहे हैं। श्रीलंका में पाकिस्तान के एक राजनयिक आमिर जुबेर सिद्दीकी भी भारत में इस्लामिक आतंकवाद को समर्थन देते हुए पकड़े गए थे। भारत की जांच एजेंसी एनआईए ने जब अमेरिका से सिद्दीकी पर जानकारी मांगी तो अमेरिका ने उनका सारा कच्चा चिट्ठा भारत को सौंप दिया जिसमें डिजिटल इंटेलिजेंस भी शामिल थी। सिद्दीकी पर एनआईए ने चार्जशीट दायर की जिसमें बताया गया कि सिद्दीकी भारत में परमाणु ठिकानों पर हमले की साजिश कर रहा था साथ में इंडिया के सैनिक ठिकानों पर, चेन्नई में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास, बंगलुरु में इजराइली वाणिज्य दूतावास और कई बंदरगाहों पर हमले की साजिश कर रहा था। भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित पर कश्मीर में आतंकवाद को समर्थन देने वाले तत्वों के साथ मिले होने के आरोप लगे थे। 2015 में बांग्लादेश में तैनात पाकिस्तानी राजनयिक फरीना अरशद को भी पाकिस्तान वापस बुलाना पड़ा था। फरीना पर आरोप था बांग्लादेश की सरकार के खिलाफ साजिश करवा रही। थी उन्होंने जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश के एक आतंकी इदरीश को पैसा और दूसरी सुविधाएं दिलवाई थी।
<h4>सेक्स स्कैंडल्स में फंसे हैं पाकिस्तानी राजदूत</h4>
वैसे पाकिस्तानी राजनेताओं से किसी तरीके की शराफत की उम्मीद तो कम ही होती है। यूक्रेन में पाकिस्तानी राजनयिक वकार अहमद के ऊपर यूक्रेन की महिला ने शारीरिक शोषण का आरोप लगाया था। यह महिला पाकिस्तान की के दूतावास में नौकरी करती थी। एक और ऐसा ही किस्सा हुआ संयुक्त राष्ट्र में जहां पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम पर उनकी लिव इन पार्टनर में उन पर मारपीट का आरोप लगाया था। बांग्लादेश में पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात असिस्टेंट वीजा ऑफिसर मोहम्मद मजहर खान को गिरफ्तार किया गया था। वह नकली नोट भारत में असम और पश्चिम बंगाल के रास्ते भेज रहे थे। यह नोट हिज्ब उत तहरीर नाम के एक आतंकी संगठन के लिए भेजे जा रहे थे।
<h4>हाईजैकिंग में शामिल था नेपाल में तैनात पाकिस्तानी अफसर</h4>
2001 में काठमांडू में एक पाकिस्तानी राजनयिक मोहम्मद अरशद चीमा को गिरफ्तार किया गया था उनके पास से 16 किलो आरडीएक्स बरामद हुआ था। यह भी कहा जाता है कि चीमा का हाथ भारत के विमान IC 814 हाईजैकिंग में भी था। पाकिस्तानी राजनयिक की छवि इतनी खराब हो चुकी है की अमेरिका ने पाकिस्तान के राजनयिकों पर वॉशिंगटन से बाहर जाने पर 1 साल तक रोक लगा दी थी। यह रोक मई 2018 से मई 2019 तक लगाई गई थी इसमें वाशिंगटन से 25 मील से ज्यादा दूर जाने पर पाबंदी लगाकर लगा दी गई थी ।.