गुरुवार को पुंछ-जम्मू हाइवे से गुजर रहे भारतीय सेना के एक वाहन पर आतंकियों ने गोलीबारी की। भीमबेर गली में हुए इस हमले में गाड़ी में आग लग गई और इस हमले में चार जवान शहीद हो गए। अब खबरें आ रही हैं कि आतंकियों ने चीन की बनीं 7.62 एमएम की बुलेट्स फायर की थीं। यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह से किसी आतंकी हमले में इस तरह से चीन की भागदारी सामने आई है। जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन जो पाकिस्तान (PAK) से आते हैं, उनके पास से कई बार चीनी हथियार बरामद हुए हैं। इस हमले को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने अंजाम दिया था।
क्या चाहता है PAK?
दिसंबर 2022 में कश्मीर (Kashmir) के बांदीपोर में पुलिस ने लश्कर के दो आतंकियों को ढेर किया था। इन आतंकवादियों के पास से हथियार और गोला-बारूद भी जब्त किया गया था। ये आतंकी चीनी पिस्तौल, एक मैगजीन और बुलेट्स के अलावा चीनी ग्रेनेड और डेटोनेटर के साथ गिरफ्तार किए गए थे। इससे पहले अगस्त 2022 में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के करीब उरी इलाके में पाकिस्तानी (PAK) आतंकवादियों के खिलाफ से पहली बार एक चीनी एम 16 (9 एमएम) राइफल मिली थी। भारतीय सुरक्षाबलों ने चीनी राइफल के मिलने को असाधारण करार दिया था।
चीन है पाकिस्तान का सबसे बड़ा हथियार सप्लायर
चीन, पाकिस्तान (PAK) को हथियार सप्लाई करने वाला सबसे बड़ा देश है। साल 2022 में आई सिपरी की रिपोर्ट में भी इस बात की पुष्टि होती है। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि साल 2017 से 2022 के बीच चीन ने हथियारों को लेकर पाकिस्तान(PAK) की 72 फीसदी मांग को पूरा किया है। इसके साथ ही वह सबसे बड़ा सप्लायर बन गया। यह बात भी दिलचस्प है कि इसी दौरान चीन ने जो भी बड़े हथियार निर्यात किए उनमें से 47 फीसदी हथियार पाकिस्तान गए। कई डील्स ऐसी थीं जिन्हें ज्वॉइन्ट प्रोग्राम के तौर पर करार दिया गया था। ऐसे में इस बात की भी जानकारी मिली कि इन हथियारों को कहीं न कहीं पाकिस्तान में रिसर्च एंड डिजाइन किया गया था। दोनों देशों के बीच कई हथियारों की सप्लाई के लिए डील हुई है। इनमें से जेएफ-17 फाइटर जेट से लेकर कई और एडवांस्ड हथियार शामिल हैं।
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