प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12वें ब्रिक्स सम्मेलन में अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान के सहयोगी चीन को घेरते हुए ब्रिक्स देशों से आतंकवाद के मददगार देशों को जवाबदेह ठहराने की अपील की। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को वर्चुअल शिखर सम्मेलन मेंअपने संबोधन में कहा, "आज विश्व में सबसे बड़ी समस्या आतंकवाद है। हमें निश्चित ही यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जो देश आतंकवाद को समर्थन देते हैं और सहयोग पहुंचाते हैं, उन्हें भी दोषी ठहराया जाना चाहिए और समस्या को संगठित तरीके से सुलझाना चाहिए।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "भारतीय संस्कृति में, पूरे विश्व को एक परिवार को रूप में देखा जाता है। इसलिए संयुक्त राष्ट्र जैसे संस्थानों को समर्थन देना हमारे लिए स्वाभाविक है। भारत ने पीस कीपिंग अभियान में अपने महत्वपूर्ण जवानों को खोया है, लेकिन आज बहुपक्षीय प्रणाली संकट के एक दौर से गुजर रही है।"
मोदी ने कहा कि भारत का मानना है कि यूएन सुरक्षा परिषद (UN Security Council) में सुधार बहुत अनिवार्य हैं। इस विषय पर भारत को अपने BRICS सहयोगियों के समर्थन की अपेक्षा है। यूएन के अतिरिक्त कई अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं भी वर्तमान वास्तविकताओं के अनुसार काम नहीं कर रही हैं। WTO, IMF, WHO जैसे संस्थानों (institutions) में भी सुधार होना चाहिए।
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<p dir="ltr" lang="en">Speaking at the BRICS Summit. <a href="https://t.co/e2X66cZ5so">https://t.co/e2X66cZ5so</a></p>
— Narendra Modi (@narendramodi) <a href="https://twitter.com/narendramodi/status/1328659980031913986?ref_src=twsrc%5Etfw">November 17, 2020</a></blockquote>
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रूस की अध्यक्षता में ब्रिक्स की आतंकवाद-रोधी रणनीति को अंतिम रूप देने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और भारत अपनी अध्यक्षता के दौरान इस कार्य को आगे बढ़ाएगा।"
मोदी ने ब्रिक्स अर्थव्यवस्था पर कहा, "हम विश्व आबादी में 42 प्रतिशत से ज्यादा हैं और हमारा देश वैश्विक अर्थव्यवस्था के मुख्य इंजनों में से है। ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए कई स्कोप हैं।".