ईद के दिन अफ्रीका के कांगे लोकतान्त्रिक गणराज्य की राजधानी किंसासा में मुस्लिम कट्टरपंथियों की भीड़ ने एक पुलिसकर्मी को बुरी तरह पीटने के बाद जिंदा जला दिया। इसके आलाव इस संघर्ष में लगभग 46 लोग घायल हो गए। इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए 30 मुस्लिम कट्टरपंथियों को मौत की सजा दी गई है।
किंसासा पुलिस के प्रमुख सिल्वानों कासोंगो ने घटना की जानकारी देते हुए कहा कि, ईद के दिन सुबह किंसासा के मार्टिस (Martyrs) स्टेडियम कांगो मुस्लिम समुदाय के दो विरोधी गुट इकट्ठा हुए। इन गुटों को साथ में ईद की अरदास करनी थी लेकिन गुटों के कट्टरपंथी सदस्यों के कारण संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो गई।
पुलिस अधिकारियों ने भीड़ को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और चेतावनी देने के लिए हवा में फायरिंग की लेकिन भीड़ ने पुलिस पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए और उनकी वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिस अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है कि इस संघर्ष में एक पुलिसकर्मी को जिंदा जला दिया गया जिसके बाद उनकी मौत हो गई। इस घटना में एक और व्यक्ति की मौत हुई है जबकि 46 अन्य घायल हुए हैं। घटना के एक दिन बाद ही मामला दर्ज कर ट्रायल शुरू कर दिया गया जिसमें 30 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई है।
कांगो में मुस्लिम जनसंख्या देश की कुल जनसंख्या का 5 फीसदी ही है लेकिन यहां मुस्लिम समुदाय दो समूहों में बंटा हुआ है। शेख अब्दाला और शेख जिबोंदो के नेतृत्व वाले दो मुस्लिम गुटों में कांगों में मुस्लिमों के बीच अपनी पैठ जमाने के लिए अक्सर लड़ाईयां होती रहती हैं।