चीन (China) पुरे विश्व पर राज करना चाहता है। वह सारे देशो में अपना दबदबा बनाने की कोशिशों में लगा हुआ है। चीन कोई ना कोई साज़िश की प्लानिंग में लगा रहता है। लेकिन उसकी सारी प्लानिंग पर अमेरिका-भारत मिलकर पानी फेर देते हैं। चीन अपनी साज़िशों में नाकाम होने के बावजूद बाज़ नहीं आता है। चीन (China) अपनी बेल्ट एंड रोड परियोजना के तहत दुनियाभर के देशों को कर्ज के जाल में फंसा रहा है। शी जिनपिंग के इस ड्रीम प्रॉजेक्ट में फंसकर भारत के कई पड़ोसी देश कराह रहे हैं। चीन के कर्ज से लदा श्रीलंका तो डिफॉल्ट हो गया है, वहीं पाकिस्तान कभी भी डिफॉल्ट हो सकता है।
चीन(China) पाकिस्तान में अपनी बीआरआई योजना के तहत चाइना पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर बना रहा है जो पाकिस्तानी अधिकृत कश्मीर से होकर जाता है। चीन की कोशिश है कि इंडोनेशिया के पास मलक्का स्ट्रेट में भारत और अमेरिका की नौसेना उसे दबोच न सके, इसीलिए वह सीपीईसी परियोजना को जल्द से पूरा करना चाहती है। अब पीएम मोदी अमेरिका की राजकीय यात्रा पर जा रहे हैं, जहां बाइडन के साथ उनकी सीपीईसी और बीआरआई पर बात हो सकती है।
भारत पीओके से चीन के सीपीईसी के गुजरने का कड़ा विरोध करता है
द संडे गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत पीओके से चीन के सीपीईसी के गुजरने का कड़ा विरोध करता है और इसे अवैध मानता है। यही नहीं चीन अब इस सीपीईसी (CPEC) के नाम पर पाकिस्तान के साथ-साथ अफगानिस्तान में अपना प्रभाव जमाने की कोशिश कर रहा है। यही वजह है कि अब इस चीनी चुनौती से निपटने के लिए भारत ने अपने राजनयिक प्रयास को तेज कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक बाइडन के साथ मुलाकात में पीएम मोदी सीपीईसी और बीआरआई से निपटने के प्रभावी तरीकों पर बात करेंगे।
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पीएम मोदी 21 जून से 24 जून के बीच अमेरिका में रहेंगे। पीएम मोदी अब बाइडन से यह अपडेट पूछने जा रहे हैं कि दुनिया की 7 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले संगठन जी7 के देश बीआरआई की काट के लिए क्या करने जा रहे हैं। जी7 देशों के दुनिया में आधारभूत ढांचे को मजबूत करने की योजना का नेतृत्व खुद बाइडन कर रहे हैं। ऐसे में वह इस बारे में पीएम मोदी को सटीक जवाब दे सकते हैं। एक साल पहले ही जी7 के देश इस बात पर सहमत हुए थे और विकासशील देशों को इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लान पेश किया था।