रूस ने इन दिनों अमेरिका की टेंशन बढ़ा दी है और ये टेंशन रूस के एक नए खुफिया विमान की वजह से बढ़ी है जो हवा में उड़ते हुए 650 किलोमीटर दूर तक किसी भी हवाई लक्ष्य का पता लगा सकता है। यूं तो चीन रूस के पूर्वी हिस्से व्लादिवोस्तक को हड़पना चाहता है लेकिन अमेरिका से दुश्मनी निकालने के लिए रूस के साथ दोस्ती का दिखावा भी करता है। रूस के इस रहस्मयी विमान से सबसे ज्यादा चिंता चीन को ही है। क्यों कि जैसे ही ये विमान आसमान में पहुंचेगे तो एक एंगल बदलते ही चीन के सभी खुफिया सैनिक अड्डे, मिसाइल और लड़ाकू जहाजों की पोजिशन रूसी सैन्य कमान के पास होगी। ध्यान रहे 2020 में मास्को में जासूसों की सक्रियता पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने वीजिंग के साथ तीखा विरोध जताया था। पुतिन ने चीन को 'गंभीर नतीजे' भुगतने की चेतावनी भी दी थी। इन हालातों में रूस के इस खुफिया विमान से पर्दा उठने के बाद पेंटागन और वाशिंगटन के बजाए बीजिंग में हलचल बहुत तेज हो गई हैं।
रूस का यह खुफिया विमान जमीन पर 300 किलोमीटर तक के इलाके में चप्पे-चप्पे की निगरानी भी कर सकता है। ऐसे में एस-500 मिसाइल सिस्टम के खतरों से निपटने में जुटे अमेरिका के लिए इस हथियार से एक नई समस्या पैदा हो गई है। नेशनल इंट्रेस्ट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस विमान का नाम बेरीव ए-50यू अल्री वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (अवाक्स) है। यह रूस के फ्लाइंग रडार के नाम से मशहूर ए-50 टोही विमान का मॉर्डनाइज्ड वर्जन है। युद्ध के दौरान यह अवाक्स रूस की सैन्य खुफिया क्षमता को कई गुना बढ़ाने में सक्षम है। यह न सिर्फ जमीन, बल्कि हवा में भी दुश्मनोंकी हर हरकत पर बारीक से नजर रख सकता है। इसके साथ ही यह अवाक्स कंट्रोल स्टेशन और दूसरे हमलावर यूनिट्स को भी सटीक सूचना पहुंचाने में सक्षम है।
बेरीव ए-50यू अवाक्स 300 किमी तक की दूरी पर जमीनी लक्ष्य और 650 किमी दूर तक हवाई लक्ष्यों को ट्रैक करने की क्षमता रखता है। इस जहाज के ऊपर मशरूम के आकार का Shmel-M रोटेटिंग रडार ट्रैकिंग सिस्टम लगा हुआ है। यह नया रडार कॉम्प्लेक्स 1000 किमी तक की दूरी पर लॉन्च हुई किसी भी मिसाइल को डिटेक्ट कर सकता है।