जुकोवस्की में शुरू होने जा रहे एयर शो में रूस अपने सबसे घातक फाइटर विमान से पर्दा हटा सकता है। यह फाइटर विमान अमेरिका के किसी भी फाइटर विमान से उन्नत और घातक माना जा रहा है। इस विमान के जरिए रूस अमेरिका पर अपना दबदबा साबित करना चाहता है। इतना ही नहीं इसी एयर शो के बाद रूस अपने विमान को अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में उतार रहा है।
इस एयरशो की एक विशेषता और है कि भारत के सारंग हेलिकॉप्टर्स इसमें पहली बार हिस्सा ले रहे हैं। यह एयर शो दो साल में एक बार आयोजित होता है और इस साल इसका आयोजन 25 जुलाई तक जुकोवस्की हवाई अड्डे पर किया जा रहा है। रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया, “यह पहली बार है जब सारंग की टीम रूस में अपने चार हेलीकॉप्टरों के साथ एरोबेटिक्स प्रदर्शन कर रही है।
मंत्रालय ने कहा कि इन हेलीकॉप्टरों का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा किया गया है और यह अत्याधुनिक एवियोनिक्स से लैस हैं। भारतीय वायु सेना के अलावा भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक भी ध्रुव हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल करते हैं। सारंग दल का 2003 में बेंगलुरु में गठन किया गया था और इसने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन सिंगापुर में 2004 में एशियाई एयरोस्पेस एयरशो में किया।
माना जा रहा है कि रूस ने सुखोई-57 लड़ाकू विमान का निर्माण अमेरिका के एफ-22 रैप्टर लड़ाकू विमान का मुकाबला करने के लिए किया है>