कोरोना संकट के बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत के दो दिवसीय दौरे पर हैं। दोनों की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई इस दौरान एस जयशंकर ने बताया कि इस साल के आखिर में प्रेसिडेंट पुतिन के भारत दौरे को लेकर हो रही तैयारियों पर चर्चा हुई। इसके अलावा उन्होंने कहा कि दोनों देश एक-दूसरे के प्रति कई क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाएंगे।
इन मुद्दों पर हुई अहम बातचीत
- दोनों विदेश मंत्रियों के बीच आत्मनिर्भर भारत समेत कई विषयों पर बातचीत हुई।
- रक्षा क्षेत्र में हमारी जरूरतों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने पर चर्चा हुई।
- क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई।
- UNSC, SCO और G20 में साथ साथ काम करने को लेकर बात हुई।
- ब्रिक्स में भारत की अध्यक्षता को लेकर बातचीत हुई।
- अफगानिस्तान के विषय पर चर्चा हुई।
- पश्चिम एशिया और ईरान को लेकर बातचीत हुई।
रुस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने एस जयशंकर को रूस आने का न्योता दिया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने बताया कि रूस और भारत के सम्बंध बेहद मजबूत और स्थायी है और इस पर किसी तरह का राजनीतिक प्रभाव नहीं पड़ता। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा और पुतिन के पीएम मोदी के लिए संदेश की हमने बात की। इसके अलावा उन्होंने कहा कि, हमने रक्षा उपकरणों के संयुक्त उत्पादन को लेकर बात की है। हम ऐसे पार्टनर हैं जो कि रक्षा क्षेत्र में उच्च तकनीक का ट्रांसफर भी करते हैं। अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में हम रूस और भारत के सम्बंध को बहुत सम्मान करते हैं।
रूस और चीन के बीच मिलट्री एलायंस पर रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि रूस और चीन के बीच आज की तारीख में घनिष्ट संबंध है लेकिन कोई मिलीट्री एलायंस नहीं होने वाला है। जबकि इंडियन विदेश मंत्री यहां पर हैं और आज के समय में मिड्ल ईस्ट नाटो, एशियन नाटो जैसे गठबंधन की बात हो रही है।