हिंदुस्तान में भले ही मस्जिदों में लाउडस्पीकर लगाकर अजान देने को शान की बात माना जाता है लेकिन वहीं सऊदी अरब ने मक्का-मदीना से लेकर सभी मस्जिदों में लाउडस्पीकर लगाकर अजान लगाने के खिलाफ फतवा जारी कर दिया है। सऊदी अरब के इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि नमाज के दौरान मस्जिदों में बाहरी लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
सऊदी अरब के सरकार के इस आदेश में कहा गया है कि, नमाज के दौरान लाउडस्पीकर का इस्तेमाल मस्जिद के अंदर ही किया जा सकेगा और आवाज लाउडस्पीकर डिवाइस के लेवल का एक तिहाई होना चाहिए। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। आदेश लिखे जाते समय पैगंबर मोहम्मदकी हदीस का हवाला दिया गया है। जिसमें कहा गया है “लो! तुम में से हर एक चुपचाप अपने रब को पुकार रहा है। नमाज पढ़ते समय या इबादत करते समय आवाज को दूसरों की आवाज से ऊँची नहीं करनी चाहिए।”
सऊदी मीडिया के अनुसार, शरिया नियमों को लागू किए जाने के बाद शेख मुहम्मद बिन सालेह अल-उथैमीन और सालेह बिन फवजान अल-फवजान जैसे इस्लामिक स्कॉलर ने भी इसका समर्थन करते हुए फतवा जारी किया है। इसमें भी अजान और इकामत के अलावा मस्जिद में बाहरी लाउड स्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसमें बताया गया है कि इससे मस्जिदों के आसपास के घरों में मरीजों, बुजुर्गों और बच्चों को नुकसान पहुँचता है।
सऊदी सरकार ने साफ कहा है कि नमाज में इमाम की आवाज को मस्जिद के अंदर तक ही सीमित रखना चाहि, इसे लोगों तक पहुँचाने की कोई आवश्यकता नहीं है। फत्वे में कहा गया है कि बाहरी एम्पलीफायरों पर कुरान पढ़ना, कुरान के लिए अपमानजनक है। जब कोई इसकी आयतों को न सुन रहा हो और न ही इस पर विचार कर रहा हो।
हालाँकि, यह पहली बार नहीं है जब-जब सऊदी मंत्रालय ने देश में मस्जिदों में लाउडस्पीकर के बारे में बात की है। इससे पहले भी इस्लामिक मामलों के मंत्री ने 2019में रमजान के महीने के दौरान मस्जिदों में मस्जिदों में लाउडस्पीकर की आवाजन कम करने को कहा था।