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Saudi Arab की मक्का मस्जिद में हाजियों के शाने-बशाने महिला गार्ड कमाण्डो, जां-नमाज के किनारे महिला कमाण्डो…ताज्जुब है…मगर सच है!

सऊदी अरब की मदीना मस्जिद में महिला गार्ड कमाण्डो!

चंद रोज पहले ही बात है। सऊदी अरब में औरतों का अकेल घर की दहलीज लांघना गुनाह था। अगर कोई औरत घर से बाहर अकेले पाई जाती तो उसको जेल के सींखचों के पीछे डाल दिया जाता।  औरत इस्तेमाल और भोगने की चीज है। वो किसी की हिफाजत कैसे कर सकती है। औरत अकेले घर के बाहर कैसे जा सकती है।

सऊदी अरब में औरत अकेले ड्राइव कैसे कर सकती है। औरत अकेले न मॉल जा सकती है न होटल-रेस्टोरैंट जा सकती है न खरीददारी कर सकती है और हवाई यात्रा तो औरत अकेले कर ही नहीं सकती। औरत की उम्र 10 से 100 साल कोई भी हो, उसके साथ एक मर्द जरूर होना चाहिए था। मर्द की उम्र भी भले ही 10 साल हो या फिर 100 साल। कहने का मतलब यह कि सऊदी अरब में मर्द के बिना औरत का कुछ भी वजूद नहीं। मर्द के हुक्म को न मानने वाली औरत अपराधी मानी जाती थी। ऐसा समझा जाता था कि मर्द की उम्र कुछ भी हो वो औरत सरपरस्त है। मर्द ही औरत की हिफाजत कर सकता है।

मगर, अब ये वर्जनाएं टूट चुकी हैं। सऊदी अरब बहुत बदल चुका है। सऊदी अरब में औरतें अब मर्दों की हिफाजत कर रही हैं। औरतें मर्दों की सिक्योरिटी गार्ड हैं। सऊदी अरब में औरतें कमाण्डो ट्रेनिंग ले रही हैं। औरतें कहीं और तो छोड़ दीजिए मक्का-मदीना की मस्जिद के भीतर जां-नमाज के किनारे हाजियों के हमसाया की तरह खड़ी हैं। इन औरतों को हथियार चलाने से लेकर हाथ पैर चलाने तक कि ऐसी ट्रेनिंग मिली हुई है कि 4-6 पर अकेली भारी होती है।

मदीना पुलिस के निदेशक मेजर जनरल अब्दुल रहमान अल मश्हान के मुताबिक मदीना मस्जिद में 99 महिला सिक्योरिटी गार्ड्स की तैनाती की गई है। इनको पहला टास्क हज उमरा करने वालों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करवाना है। इसके साथ ही मदीना मस्जिद की सुरक्षा भी इनके टास्क में शामिल है। महिला सुरक्षा कमाण्डोज का दस्ता पूरे प्रोफेशनल तरीके से अपने काम को अंजाम दे रहा है।

ऐसा देखा जा रहा है कि जब से शाह-ए-अरब सलमान बिन अब्दुल अजीज ने मुहम्मद बिन सलमान को क्राउन प्रिंस बनाया है जब से सऊदी अरब में बदलाव की बहार शुरू हुई है। अब सऊदी अरब में महिलाएं ड्राइव कर सकती है। अकेले हवाई यात्रा कर सकती हैं। मॉल और रेस्टोरेंट में भी अकेले जा सकती हैं। अब महिलाओँ से बहुत सी पबांदियां खत्म हो रही हैं। यहां तक की आर्मी में भी सऊदी औरतों की भर्तियां होने लगीं हैं।