अफगानिस्तान में तालिबान ने कब्जा करने के बाद से दुनिया भर के देशों से अंतरीम सरकार के लिए समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान-चीन के साथ अन्य कई देशों का समर्थन तो पा लिया है लेकिन कई बड़े देशों ने तालिबान को समर्थन देने से इनकार कर दिया है। अब सऊदी अरब के समर्थन का आस लिए बैठे तालिबान के लिए 440 बोल्ट का करंट लगा है। क्योंकि, सऊदी का साफ कहना है कि वह भारत के साथ खड़ा है। तालिबान को लेकर भारत जो रुख करेगा सऊदी इंडिया के साथ खड़ा रहेगा।
रविवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर को सऊदी अरब के अपने समकक्ष फैसल बिन फरहान अल सौद के साथ अफगानिस्तान से जुड़े घटनाक्रम सहित द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयामों पर चर्चा की है। इस दौरान भारत विदेश मंत्री ने कोविड-19 महामारी के दौरान भारतीय समुदाय को प्रदान किए गए समर्थन के लिए देश की सराहना करते हुए भारत से खाड़ी देशों की यात्रा पर प्रतिबंधों में और ढील देने का आह्वान किया। इसके साथ ही दोनों नेताओं ने रक्षा और सुरक्षा, व्यापार, निवेश और ऊर्चा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तारित करने पर जोर दिया।
इस दौरान सऊदी विदेश मंत्री सौद ने कहा कि हम तालिबान पर भारत के रुख का समर्थन करते हैं, हम भारत के साथ हैं। इस बयान के बाद तालिबान के लिए यह किसी बड़े झटके से कम नहीं है। तालिबान के साथ साथ पाकिस्तान और चीन के लिए भी यह बड़ा झटका है। वहीं, अल सऊद तीन दिवसीय दौरे पर शनिवार शाम को नई दिल्ली पहुंचे थे।