चीन में कोविड के दौरान कई महीनों से 23 भारतीय सदस्यों के साथ फंसे एक मालवाहक का भारत आने का रास्ता साफ हो गया है। एमवी जग आनंद मालवाहक को पहले जापान ले जाया जाएगा जहां इसका क्रू बदला जाएगा। मकर संक्रांति यानी 14 जनवरी को ये भारतीय सदस्य वतन लौट आएंगे। बता दें कि जग आनंद मालवाहक ऑस्ट्रेलिया से कोयला लेकर आ रहा था। लेकिन चीनी प्रशासन ने कोविड-19 के मद्देनजर कई तरह के प्रतिबंध लगाने के कारण इन बंदरगाहों पर चालक दल में बदलाव की अनुमति नहीं दी थी। क्रू मेंबर के साथ इस बरताव के पीछे चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच ट्रेड वार को बताया जा रहा है। <h3>चीन से संपर्क में था विदेश मंत्रालय</h3> इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने पिछले शुक्रवार को बताया था कि पिछले कुछ महीनों से चीनी जलक्षेत्र में फंसे दो जहाजों और उन पर पर सवार चालक दल के 39 भारतीय सदस्यों की मानवीय जरूरतों का ध्यान रखने और इस मुद्दे का जल्द समाधान निकालने के लिए पेइचिंग, हेबेई और तियानजिन स्थित चीनी प्रशासन के साथ भारतीय उच्चायोग लगातार संपर्क में है। <h3>एक और जहाज पर 16 सदस्य फंसे</h3> मालवाहक पोत एमवी जग आनंद 13 जून से चीन के हुबेई प्रांत में जिंगटांग बंदरगाह के पास खड़ा है। उस पर 23 भारतीय नागरिक चालक दल के रूप में सवार हैं। उन्होंने बताया कि एक अन्य पोत एमवी अनासतासिया पर 16 भारतीय नागरिक चालक दल के रूप में हैं और यह 20 सितंबर से चीन के कोओफिदियन बंदरगाह के पास खड़ा है और माल के निपटारे का इंतजार कर रहा है। हालांकि, पिछले हफ्ते भारतीय उद्योगपति नवीन जिंदल ने मालवाहकों पर लदे कोयला को खरीदने को कहा था। उनका कहना था कि वह भारतीय नाविकों की मदद करना चाहते हैं ताकि महीनों से चीन में फंसे भारतीय वतन लौट सकें। उन्होंने विदेश मंत्रालय से इस बारे में अपनी इच्छा जाहिर की थी। नवीन का कहना है कि उनके इस प्रस्ताव पर ऑस्ट्रेलियन अथॉरिटी को फैसला करना है।.