Hindi News

indianarrative

शी जिनपिंग के सपने चकनाचूर, श्रीलंका ने चीन को दिखाया आईना, कहा- सबसे पहले भारत!

शी जिनपिंग के सपने चकनाचूर, श्रीलंका ने चीन को दिखाया आईना, कहा- सबसे पहले भारत!

श्रीलंका ने चीन को जोर का झटका दिया है। श्रीलंका के इस झटके से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सारे सपने चकनाचूर हो गये हैं। शी जिनपिंग ने साजिश रची थी कि नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका को कर्ज की गाजर दिखा कर वो अपने पाले में कर लेगा और फिर भारत को अपनी शर्तें मानने पर विवश करेगा। शी जिनपिंग की इस साजिश को सबसे पहले बांग्लादेश ने पलीता लगाया। बांग्लादेश की चीन के पाले में जाने की अफवाहें उड़ीं तो खुद प्रधानमंत्री शेख हसीना सामने आयीं और उन्होंने कहा कि बांग्लादेश और भारत के रिश्ते भावनाओं और सिद्धांतों के रिश्ते हैं। बांग्लादेश के लिए भारत हमेशा पहली प्राथमिकता रहेगी।

दरअसल, चीन ने पाकिस्तान और नेपाल की तरह ही बांग्लादेश को कर्ज के जाल में फंसाने की कोशिश की थी। बांग्लादेश के आधारभूत ढांचे की तमाम परियोजनाओं में अरबों डॉलर निवेश करने और सैन्य स्तर पर सहयोग का प्रस्ताव भी चीन ने रखा था। चीन के साथ संबंधों को मजबूत बनाने की सिफारिश करने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शेख हसीना को फोन भी किया था। पाकिस्तान और चीन ने ऐसा महौल बनाया कि एकबारगी अहसास होने लगा था कि बांग्लादेश चीन की गोदी में बैठने ही वाला है। इस महौल में भारत के रुख को देखते हुए शेख हसीना सामने आयीं और उन्होंने कयासों के बादलों को भाप की तरह उड़ा दिया।

इसी तरह श्रीलंका के हंबनटोटा पोर्ट को 99 साल के लिए कब्जाने के बाद चीन ने श्रीलंका के सामने एक बार फिर से सैन्य और व्यापार समझौते का प्रस्ताव रखा। इससे पहले चीन ने श्रीलंका को युद्धपोत भी उपहार में दिया। चीन की शी जिनपिंग सरकार सोच रही थी कि पाकिस्तान की तरह श्रीलंका भी रिश्वत और सस्ते कर्ज के जाल में फंस जायेगा और भारत को चारों ओर से घेरने की उसकी नीति कामयाब हो जायेगी। लेकिन हो गया उलटा। श्रीलंका ने साफ दो टूक शब्दों में चीन को समझा दिया कि तोहफा तो कबूल है, लेकिन अब बीजिंग के लिए कोलंबो दूर है। श्रीलंका के टीवी चैनल के साथ साक्षात्कार में श्रीलंका के विदेश सचिव जयंत कोलंबज ने कहा कि हंबनटोटा चीन के हाथ सौंपना बहुत बड़ी भूल थी। श्रीलंका तटस्थ विदेश नीति को अपनाना चाहेगा मगर जहां रणनीति और सुरक्षा का मामला है वहां श्रीलंका भारत को ही प्राथमिकता देगा। केवल इतना ही नहीं, कोलंबज ने यह भी कहा हिंद महासागर श्रीलंका भारत के रणनीतिक हितो की रक्षा भी करेगा।.