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श्रीलंका में भी परिवारवाद का चलन, राजपक्षे परिवार के 5 सदस्य सत्ता में पहुंचे

श्रीलंका में भी परिवारवाद का चलन, राजपक्षे परिवार के 5 सदस्य सत्ता में पहुंचे

इस महीने की शुरुआत में संसदीय चुनाव में जीत हासिल करने के बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने खुद सहित अपने ही परिवार के पांच सदस्यों को कैबिनेट और मंत्रिस्तरीय भूमिकाओं में नियुक्त कर दिया है।

गोतबाया और उनके बड़े भाई महिंदा राजपक्षे ने 6 अगस्त के चुनाव में भारी बहुमत हासिल किया। जिससे अब राजपक्षे परिवार को हिंद महासागर के द्वीपीय राष्ट्र के संविधान में व्यापक बदलाव लाने की शक्ति मिल गई है।

एक विश्लेषकों का कहना है कि श्रीलंका की पोदुजाना पेरमुना पार्टी और उसके सहयोगियों को जो दो-तिहाई बहुमत मिला है उससे उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए पूर्ण कार्यकारी शक्तियां बहाल करने की ताकत मिलेगी। कुछ लोगों का मानना है कि यह श्रीलंका को अधिनायकवाद की ओर धकेल सकता है।

बुधवार की देर शाम एक समारोह में गोतबाया ने खुद एक पूर्व राष्ट्रपति रह चुके और नवनियुक्त प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को वित्त मंत्री, शहरी विकास और आवास, धार्मिक और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री के रूप में नियुक्त किया।

गोतबाया के बड़े भाई चामल राजपक्षे सिंचाई मंत्री और रक्षा राज्य मंत्री के रूप में काम करेंगे, जबकि महिंदा राजपक्षे के बेटे नमल राजपक्षे युवा और खेल मंत्री बने। चामल राजपक्षे के बेटे शशेंद्र राजपक्षे भी राज्य मंत्री के रूप में काम करेंगे।

गोतबाया ने खुद को रक्षा मंत्री नियुक्त किया है, श्रीलंका के खूनी गृहयुद्ध के दौरान गोतबाया ने  रक्षा मंत्री की भूमिका निभाई थी।

श्रीलंका की राजनीति में लंबे समय तक प्रभावी रहे राजपक्षे परिवार की लोकप्रियता पिछले साल इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा किए गए घातक बम विस्फोटों के बाद द्वीप की बहुसंख्यक सिंहली आबादी के बीच काफी बढ़ गई। इस हमले में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।.