इमरान सरकार और उनके कारिंदों ने पाकिस्तान में सिखों का जीना दूभर कर दिया है। पाकिस्तान सरकार के अफसर और आईएसएआई के एजेंट सिखों पर जबरन खालिस्तान का एजेंडा थोप रहे हैं। जो सिख पाकिस्तान की सरकार और आईएसआई के एजेंडा पर नहीं चलते उनके परिवारों की बहन बेटियों का अपहरण कर लिया जाता है। उनके साथ दुष्कर्म किया जाता है और फिर पूरे परिवार को इस्लाम कबूल करने या मरने के लिए तैयार रहने को कहा जाता है। पाकिस्तान की सरकार और आईएसआई के एजेंट भारत को तोड़ने के लिए सिखों को ही इस्तेमाल करना चाहता है। जो सिख और जत्थे आईएसआई के शिकंजे में आ जाते हैं उन्हें वो पैसा भी मुहैया कराता है और हथियार भी ताकि वो भारत के खिलाफ खालिस्तान प्रचार और छद्म युद्ध दोनों ही करते रहें।
पाक के नापाक मंसूबों और खालिस्तानी आतंकवाद और विश्व स्तर पर अलगाववादी आंदोलन को भड़काने का यह खुलासा एक कनाडाई स्कॉलर ने
टेरी माइलवस्की ने किया है। उन्होंने इस विषय पर हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है । उन्होंने एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली स्थित थिंक टैंक लॉ एंड सोसाइटी अलायंस के वेबिनार ‘खालिस्तानी टेररिज्म एंड कनाडा’ (खालिस्तानी आतंकवाद और कनाडा) में भी पाकिस्तानी षडयंत्र का खुलासा किया है।
कनाडाई थिंक-टैंक मैकडॉनल्ड-लॉरियर इंस्टीट्यूट से प्रकाशित रिपोर्ट ‘खालिस्तान : ए प्रोजेक्ट ऑफ पाकिस्तान’ लिखने वाले माइलवस्की ने कहा कि खालिस्तानी आतंकवादियों को पाकिस्तानी समर्थन का जिक्र किया है। माइलवस्की ने खालिस्तान चरमपंथियों और पाकिस्तान को बेनकाब कर दिया है, जहां वास्तव में सिख अभी भी इस्लाम में जबरन धर्म परिवर्तन, गुरुद्वारों पर हमले, अपहरण और हत्याओं से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा, “यह ऐसा है जैसे भारत-पाकिस्तान विभाजन के दिन अभी खत्म नहीं हुए हैं। यही वजह है कि पाकिस्तान में सिख आबादी तेजी से घट रही है।
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