South China Sea: चीन की चालबाजी से पूरी दुनिया काफी अच्छी तरह से वाकिफ है। इस कारण पाकिस्तान ही जैसे चंद ही देश उसके साथ खड़े दिखाई देते हैं। ड्रैगन कभी लद्दाख में विवाद पैदा करके भारत के साथ रिश्तों को तनावपूर्ण बना लेता है तो कभी ताइवान में चालाकी दिखाता है। ऐसे में अब पिछले कुछ सैलून में चीन ने साउथ चाइना सी पर भी दादागिरी शुरू कर दी है, जिसकी वजह से पश्चिमी देश काफी खफा हैं। वहीं ऐसा भी दावा किया जा रहा है कि चीन साउथ चाइना सी में लैंड फीचर्स का निर्माण कर रहा है। रिपोर्ट्स के सामने आने की वजह से चीन दुनियाभर में एक्सपोज हो गया, जिसके चलते अब वह बैकफुट पर आ गया। चीन ने इन दावों को खारिज कर दिया है।
आपको बता दें कि बीजिंग (Beijing) सालों पहले से ऐसा ही करता रहा है। चीन ने पहले ही चट्टानों, द्वीपों पर कब्जा जमाया हुआ है, जिन इलाकों में ड्रैगन का पहले से कब्जा था वहां पर उसने बंदरगाह, रनवे और अन्य बुनियादी ढांचे के साथ उनका सैन्यीकरण किया है। अधिकारियों ने बीजिंग को चेतावनी दी है कि विवादित क्षेत्र में नए-नए निर्माण करके चीन यथास्थिति वाली शर्त से मुकर रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि ये कहना जल्दबाजी होगी कि चीन जहां पर निर्माण कर रहा है उसका इस्तेमाल सैन्यीकरण के लिए करेगा या नहीं।
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हालांकि चीन सभी आरोपों का खारिज करता रहा है। इस बार भी उसने ऐसा ही किया है, उन्होंने कहा कि इसी तरह की गतिविधियां फिलीपींस में पनाटा द्वीप के रूप में जाने जाने वाले लंकियम के में भी हुई हैं। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि ये रिपोर्ट पूरी तरह से हवा हवाई है इसका कोई आधार नहीं है।
क्यों इतना महत्वपूर्ण है साउथ चाइना सी
साउथ चाइना सी व्यापार के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। इसकी अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि संयुक्त राष्ट्र कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवेलपेन्ट के एक अनुमान के अनुसार दुनिया में होने वाले व्यापार का 80 फीसदी समुद्री मार्ग से होता है और इस व्यापार का करीब एक तिहाई साउथ चाइना सी से हो कर गुजरता है।