अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी काबुल छोड़ कर ताजिकिस्तान चले गए हैं। उनके साथ कुछ वफादार अफसर और बॉडीगार्ड भी हैं। अफगानिस्तान अब तालिबान के हाथ में यह तो तय हो चुका है लेकिन तालिबान का कौन से नेता सत्ता संभालेगा यह साफ नहीं हुआ है। इस बीच तालिबान ने प्रेसिडेंट पैलेस पर कब्जा कर लिया। रात भर काबुल में अफरा-तफरी मची रही। लोगों ने खास कर महिलाओं ने जाग कर रात काटी है। काबुल से ताजा खबरें आना बंद हो गईं हैं। एक अंग्रेजी चैनल अल जजीरा ने कुछ ताजा वीडियो और फोटो जारी किए हैं। लेकिन ये सब वही हैं जिनको जारी करने की इजाजत तालिबान ने दी। काबुल की औरतों बच्चों की रात कैसे गुजरी या वतनपरस्त अफगानियों का क्या हाल है, इसके बारे में कोई खबर नहीं है। 15 अगस्त की दोपहर को सबसे पहले खबर आई कि मुल्ला बरादर अशरफ गनी से सत्ता हासिल करेंगे। कुछ ही देर बाद खबर आई कि मु्ल्ला बरादर नहीं अब अली अहमद जलाली अंतरिम राष्ट्रपति बनेंगे। एक खबर यह भी आई है कि तालिबान ने कह दिया है कि कोई अंतरिम सरकार नहीं होगी। तालिबान सीधे सत्ता हासिल करेंगे।
अहमद जलाली पूर्व के तालिबान शासन में आंतरिक मिनिस्टर भी रह चुके हैं। हालांकि अहमद जलाली अमेरिकन सिटिजन हैं लेकिन कहा जा रहा है कि अधिकांश तालिबान फौरी तौर पर अहमद जलाली के नाम पर सहमत हैं। फिर भी ऐसा कहा जा रहा है कि तालिबान में कई गुट हैं। इन सभी की अपनी-अपनी आइडोलॉजी है। मुल्ला बरादर को तो सभी लोग जानते हैं। कुछ लोग हैबतुल्ला अखुंजादा को पहचानते हैं। इनके अलावा भी गुट हैं जिनकी इनसे अलग आइडोलॉजी है, लेकिन फिल्हाल अफगानिस्तान पर कब्जे तक एक साथ लड़ रहे थे।
प्रेसिडेंट अशरफ गनी के देश छोड़ कर जाने और तालिबान के किसी सुप्रीम लीडर का नाम सामने न आने से अफगानिस्तान का भविष्य हिंसा और खूनखराबे से भरा दिखाई दे रहा है। तालिबान के साथ रिकंसिलिएशन काउंसिल के मुखिया डॉक्टर अब्दुल्ला अब्दुल्ला फिलहाल काबुल में ही हैं। अब्दुल्ला अब्दुल्ला ही सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया को अंजाम दे रहे हैं। अफगानिस्तान के कार्यवाहक रक्षामंत्री बिस्मिल्ला खां ने कहा है कि सत्ता हस्तांतरण के एक प्रतिनिधिमण्डल दोहा जा रहा है।
अफगान प्रेसिडेंट अशरफ गनी के देश छोड़ने के बावजूद तालिबान ने किसी कार्यवाहक या पूर्णकालिक हेड की घोषणा क्यों नहीं की है- यही बात संशय को बढ़ा रही है। अली अहमद जलाली को लेकर हैबतुल्ला अखुंदजादा राजी नहीं है। मुल्ला बरादर और हैबतुल्ला अखुंजादा में अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने की होड़ है। अफगानिस्तान इस समय बेहद खतरनाक मोड़ पर है। खबरें यह भी मिल रही हैं कि तालिबान ने सरकारी चौकियों पर कब्जा कर लिया है। अफगान फोर्सेस और तालिबान में जंग हो रही है। काबुल शहर की बिजली काट दी गई है। प्रेसिडेंशिल पैलेस पर भी तालिबानियों का कब्जा हो चुका है।
A high-level delegation of Afghan political leadership including Speaker Wolesi Jirga Mir Rehman Rehamni arrived in #Islamabad after #Taliban forces surrounded #Afghanistan capital #Kabul on Sunday#etribune pic.twitter.com/3h1wsHWqwh
— The Express Tribune (@etribune) August 15, 2021
राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर जा चुके हैं। तालिबान की ओर से किसी के नाम का ऐलान नहीं किया। अफगानिस्तान इस समय स्टेटलेस स्थिति में है। तालिबान के हथियारबंद लोग काबुल की सड़कों पर धड़धड़ाते घूम रहे हैं। काबुल में लूटमार, हिंसा और महिलाओं के प्रति बलात्कार की घटनाएं बढ़ सकती हैं।
Just received a high level Afghan political leadership delegation including Speaker Ulusi Jirga Mir Rehman Rehmani, Salah-ud-din Rabbani, Mohammad Yunus Qanooni, Ustad Mohammad Karim Khalili, Ahmad Zia Massoud, Ahmad Wali Massoud, Abdul Latif Pedram, and Khalid Noor.
— Mohammad Sadiq (@AmbassadorSadiq) August 15, 2021
इसी बीच एक और बड़ा डेवलपमेंट यह हुआ है कि तालिबान की सियासी टीम इस्लामाबाद पहंच चुकी है। इस टीम में जिरगा मीर रहमान रहमानी, सलाह उद्दीन रब्बानी, अहमद जिया मसऊद, अहमद वली मसऊद, अब्दुल लतीफ पेदराम और खालिद नूर हैं।