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श्रीलंका: जहां कैद थीं सीता माता, वहां से अयोध्या लाया जा रहा है पत्थर?

Ram Mandir

यूपी के अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है। मंदिर निर्माण के लिए श्रीलंका के सीता एलिया के पत्थर को भगवान राम के जन्मस्थली लाया जाएगा। इस पौराणिक स्थान के पत्थर का इस्तेमाल मंदिर के निर्माण में किया जाएगा। बता दें कि सीता एलिया वह स्थान है, जहां माता सीता को रावण ने बंदी बनाकर रखा था। इस पत्थर को भारत में नियुक्त श्रीलंका के राजदूत मिलिंदा मारागोदा को सौंपा गया है। यहां सीता माता के नाम पर एक मंदिर भी बना हुआ है।

 

इस क्षेत्र में आज भी अशोक के लाखों विशाल पेड़ मौजूद हैं। कहा जाता है कि इसी कारण इस इलाके को अशोक वाटिका के नाम से जाना जाता था। सीता एलिया के पास से एक नदी भी बहती है जिसे सीता के नाम से जानते हैं। बड़ी बात यह है कि इस नदी के इस पार की मिट्टी पीले रंग की है। धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रावण पुष्पक विमान पर सीता को हरकर लंका ले गया था। सिंहली बौद्ध मान्यता में भी ऐसे विमान का जिक्र है। रावण जहां सीता के साथ पुष्पक विमान लेकर उतरा वह जगह वेरांगोट्टा हो सकती है। मध्य श्रीलंका में नुवारा एलिया हिल स्टेशन के पूरब माहियांगाना से वेरांगोट्टा करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

इसके बाद रावण सीता को गूरुलुपोट्टा ले गया, जिसे अब सीताकोटुवा के नाम से जाना जाता है। यहां रावण की पत्नी मंदोदरी का निवास था। माहियांगाना से सीताकोटुवा की दूरी करीब 10 किलोमीटर है। यह कैंडी जाने वाले रास्ते में पड़ता है। मान्यताओं के मुताबिक सीता को एक गुफा में रखा गया था, जो सीता एलिया नाम की जगह पर है। वहां सीता को समर्पित मंदिर भी है। नुवारा एलिया के उत्तर में माताले डिस्ट्रिक्ट है। यहां युधागनापीटिया नाम की जगह है, जहां राम और रावण के बीच युद्ध हुआ था। सिंहली मान्यताओं के मुताबिक, दुनुविला नामक जगह से राम ने रावण पर बाण चलाया, जिससे उसकी मौत हुई। इनके अलावा चिलाव में वह मंदिर है जहां रावण वध के बाद राम ने पूजा की थी।