अफगानिस्तान में अभी तालिबान की सरकार बनी नहीं है और वादा खिलाफी की बर्बर तस्बीरें सामने आने लगी हैं। तालिबान के प्रवक्ता जबीहउल्लाह मुजाहिद ने 17 अगस्त की शाम को कहा था कि तालिबान बदल गया है। लेकिन जबीहउल्लाह का ये बयान बुधवार को ही झूठा साबित हो गया है। क्योंकि महिलाओं को लेकर लगातार प्रताड़ना की खबरें आ रही हैं, महिलाओं को लेकर कई तरह के कानून बना दिए गए हैं। कहा जा रहा है कि तालिबान पहले से भी सख्त कानून के साथ वापस लौटा है, और दुनिया के सामने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सिर्फ झूठा दिखावा कर रहा है। तालिबान के महिलाओं को लेकर ऐसे नियम हैं को वो पूरी तरह से घर में पैक हो जाती हैं।
तालिबान के कई ऐसे सख्त नियम हैं जो महिलाओं पर लागू कर सकता है। जब पहले तालिबान ने अफगानिस्तान के कई शहरों पर कब्जा किया था तो महिलाओं के साथ ऐसे ही अत्याचार किया गया था। इसी वजह से वहां की महिलाएं तालिबान से डरी हुई हैं।
तालिबानी नियमों के हिसाब से महिलाएं सार्वजनिक तौर पर कई काम नहीं कर सकती हैं और उनके पहनावे से लेकर उनकी एक्टिविटी पर कई तरह के बैन लगा दिए जाते हैं। Revolutionary Association of the Women of Afghanistan के अनुसार, तालिबानी करीब 40 ऐसे नियम महिलाओं पर लगा देते हैं, जिनसे महिलाओं की आजादी पूरी तरह से खत्म हो जाती है।
सार्वजनिक तौर पर महिलाएं मस्ती मजाक नहीं कर सकती हैं।
महिलाओं के काम पर जाने पर बैन लगा दिया जाता है।
अकेले बाहर नहीं जा सकती, महिलाएं को सिर्फ पुरुष के साथ ही बाहर जाने की अनुमति है।
कपड़ों को लेकर कई तरह पाबंदियां, चुश्त कपड़े, छोटे कपड़े नहीं पहन सकती, हमेशा खुद को पूरी तरह से ठककर रखना होता है।
महिलाएं पुरुष दुकानदारों से सामान नहीं खरीद सकते हैं।
डॉक्टर को लेकर भी कई नियम हैं, जिनमें महिलाओं का इलाज महिला डॉक्टर्स ही करती हैं, वो पुरुष डॉक्टर्स के पास नहीं जा सकती।
कॉस्मेटिक इस्तेमाल करने पर रोक
महिलाएं पुरुष से हाथ नहीं मिला सकती हैं और ज्यादा जोर से हंस भी नहीं सकती हैं
हाई हिल्स फुटवियर पहनने पर रोक होती है।
महिलाएं टैक्सी में ट्रैवल भी नहीं कर सकती हैं।
बाइक, साइकिल चालना, खेलकूद में हिस्सा लेना भी महिलाओं के लिए बैन हैं।
नदी में महिलाएं कपड़े भी नहीं धो सकती हैं।
महिलाएं बालकनी और खिड़कियों से बाहर नहीं देख सकती हैं।
फोटो क्लिक करने पर भी बैन, यहां तक कि विज्ञापनों में भी महिलाएं नहीं होती हैं।
इसके अलावा भी महिलाओं की आजादी के खिलाफ कई और ऐसे नियम हैं जिसे सुनकर हर किसी की रूहें कांप जाएंगी।
साल 1996 से 2001 तक जब तालिबान का अफगानिस्तान पर राज था तो उसने महिलाओं पर कड़े कानून लगा रखे थे। ना वो कहीं जा सकती हैं और ना ही स्कूलों में पढ़ सकती थी। नियम तोड़ने पर उन्हें सार्वजनिक तौर पर कोड़ों से मारा जाता था।