अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से उसका सर्वोच्च नेता हैबतुल्लाह अखुंदजादा गायब है। हर कोई ये जानना चाह रहा है कि आखिर हैबतुल्लाह है कहां। तालिबान ने एक ओर जहां सरकार बनाने की कवायद शुरू कर दिया है वहीं उसका चीफ लीडर लापता है। वह 6 दिन बाद भी सामने नहीं आया है। अब खबर आ रही है कि हैबतुल्लाह पाकिस्तान में कैद है।
भारत सरकार गुप्त विदेशी खुफिया एजेंसियों की ओर से साझा की गई जानकारियों का अध्ययन कर रही है। इसी क्रम में विदेशी इंटेल के हवाले से एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने संकेत दिया है कि हैबतुल्लाह अखुंदजादा पाकिस्तानी सेना की कैद में हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हैबतुल्लाह अखुंदजादा को शायद पाकिस्तान आर्मी ने कैद कर रखा है। सीनियर सरकारी अधिकारी की मानें तो हैबतुल्लाह अखुंदजादा को बीते छह महीनों से तालिबान के सीनियर नेताओं और लड़ाकों ने नहीं देखा है। आखिरी बार उसका बयान मई में रमजान के मौके पर आया था। अधिकारियों की मानें तो भारत इस मामले में दिलचस्पी ले रहा है कि आखिर पाकिस्तान इस मुद्दे को कैसे डील करता है।
तालिबान के पूर्व नेता अख्तूर मंसूर के अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे जाने के बाद मई 2016 में हैबतुल्लाह अखुंदजादा को आतंकी समहू का चीफ नियुक्त किया गया था। उस वक्त तालिबान द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो संदेश के मुताबिक, हैबतुल्लाह अखुंदजादा आतंकी मंसूर का डिप्टी था, मगर ड्रोन हमले में उसकी मौत के बाद उसे गद्दी मिली थी। पाकिस्तान में एक बैठक के दौरान प्रमोट कर उसे तालिबान का सुप्रीम लीडर बनाया गया था। बात दें कि हैबतुल्लाह अखुंदजादा उन सात तालिबानी नेताओं में से एक है, जो माना जा रहा है कि इन्हीं सातों के पास अफगान की कमान होगी।
भारत सरकार को ऐसी रिपोर्ट मिली है कि लश्कर से लेकर जैश के आतंकी तालिबान के साथ मिल गए हैं। यही वजह है कि कल विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में दुनिया को आतंकवाद के बारे में भारत की चिंताओं से अवगत कराया।