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Afghan Forces के तेवर देख घुटनों पर तालिबान, हिबतुल्लाह अखुंजादा ने अमन-चैन के लिए रखी सियासी समाधान की पेशकश

अफगान फोर्सेस के तेवर घुटनों पर तालिबान

तालिबान के कब्जे में आए इलाकों पर फिर से कब्जा के लिए अफगान सेना के कार्रवाई तेज कर दी है। अफगानी लड़ाकू विमान तालिबाान के ठिकानों पर हवाई हमले कर रहे हैं। इतना ही नहीं, जमीनी स्तर पर अफगान सेना तालिबान के सामने कड़ी चुनौती पेश कर रही है। अफगानिस्तान से तालिबान के पैर उखड़ रहे हैं। स्पिन बोलदाक, पाखुंज और कंधार सहित कई शहरों में अफगान सेना ने तालिबान को पीछे ढकेल दिया है। अमेरिका के कड़े तेवर और अफगानी फोर्सेस बढ़ते कदम से तालिबान बातचीत के टेबुल पर समस्या के शांतिपूर्ण समाधान की बातें करने लगा है। तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने रविवार को कहा कि वह अफगानिस्तान में संघर्षविराम के लिए एक राजनीतिक समाधान का दृढ़ता से समर्थन करता है।

हिबतुल्लाह अखुंदजादा का यह बयान तब आया है, जब आज से ही अफगान सरकार के प्रतिनिधि और तालिबान का राजनीतिक नेतृत्व दोहा में नए दौर की बातचीत होनी है। इस बयान से उम्मीद जगी है कि लंबे समय से रुकी शांति वार्ता में कुछ सकारात्मक परिणाम आ सकता है। इससे पहले भी तालिबान और अफगानिस्तान सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। हालांकि, देश में शांति और स्थिरता बनाए रखने पर दोनों पक्षों में अभी तक कोई समझौता नहीं हो सका है।

तालिबान के शीर्ष नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने ईद-उल-अजहा के एक हफ्ते पहले जारी अपने संदेश में कहा कि सैन्य लाभ और कई महत्वपूर्ण ठिकानों पर कब्जे के बावजूद, इस्लामिक अमीरात (अफगानिस्तान) देश में एक राजनीतिक समझौते के पक्ष में है। इस्लामी व्यवस्था की स्थापना के लिए हर अवसर, शांति और सुरक्षा का उपयोग किया जाएगा।

कतर की राजधानी दोहा में तालिबान का राजनीतिक मुख्यालय है। अफगानिस्तान सरकार और अमेरिका के साथ बातचीत के लिए तालिबान इसी जगह बैठकें करता है। पिछले एक साल में तालिबान और अफगान सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, किन कोई उल्लेखनीय सफलता नहीं मिली है। तालिबान की हिंसक कार्रवाईयों के कारण पिछले कुछ महीने से दोनों पक्षों के बीच बातचीत बंद भी थी।