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TTP को लेकर तालिबान ने पाकिस्तान को दिया करारा झटका, कहा- तुम्हारा मसला है खुद ही निपटो… हम क्यों बीच में आए

TTP को लेकर तालिबान ने पाकिस्तान को दिया करारा झटका

अफगानिस्तान को कब्जा करने में तालिबान को सबसे बड़ी सहायता पाकिस्तान की ओर से की गई थी। अफगानिस्तान पर पकड़ मजबुत बनाने की कोशिश में इमरान सरकार ने कई चालें चली लेकिन उनकी चालें फेल होती नजर आ रही हैं। क्योंकि तालिबान इस वक्त पाकिस्तान से मुंह फेरता हुआ नजर आ रहा है। वहीं, पाकिस्तान में प्रतिबंधित तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (TTP) को लेकर तालिबान ने साफ तौर कहा है कि उसका इससे कोई संबंध नहीं है। तालिबान की ओर से ये जवाब ऐसे समय में आया है जब हाल ही में TTP प्रमुख मुफ्ती नूर वली महसूद ने कहा था कि उनका संगठन इस्लामिक अमीरत ऑफ अफगानिस्तान (IEA) का ही एक ब्रांच है।

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अब तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने अरब न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में महसूद द्वारा अफगान तालिबान से संबद्धता के दावे को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि वे TTP एक संगठन के रूप में IEA का हिस्सा नहीं हैं और हम मकसद समान नहीं हैं। इसके आगे उन्होंने कहा कि, हम टीटीपी को अपने देश में शांति और स्थिरता पर फोकस करने की सलाह देते हैं। यह बेहद जरूरी है ताकि TTP इस क्षेत्र और पाकिस्तान में दुश्मनों के हस्तक्षेप के किसी के मौके को रोक सकें। हम पाकिस्तान सरकार से क्षेत्र और पाकिस्तान की बेहतरी के लिए टीटीपी की मांगों पर गौर करने गुजारिश करते हैं।

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तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद यह भी कहा कि टीटीपी मसला पाकिस्तान का आंतरिक मसला है। उन्होंने कहा कि, IEA का रूख यह है कि हम दूसरे देशों के मसलों में हस्तक्षेप नहीं करते हैं। पाकिस्तान को लेकर भी हमारी राय यही है। हालांकि, करीब महीने भर पहले अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी द्वारा ने कहा था कि अफगान तालिबान दोनों पक्षों के कहने पर पाकिस्तान और TTP के बीच मध्यस्थता कर रहे थे।