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India के लिए खतरे की घण्टी! China की गोद में बैठ गया Taliban, ब्लिंकन-जयशंकर ढूंढ रहे ‘नैक्सस’ का इलाज

उईगरों के कातिल चीन की गोद में जा बैठा तालिबान!

क्या उईगर मुसलमान नहीं हैं… तालिबान मुसलान नहीं हैं! इन सवालों का जवाब है हां, तालिबान मुसलमान नहीं हैं! चेहेर पर दाढ़ी और सिर पर पगड़ी और टखनों से ऊपर सलवार पहने तालिबान मुसलमान नहीं हैं। वो मुसलमानों के नाम कलंक हैं। वो मुसलमानों के नाम पर अफगानिस्तान में बेकसूर और मजलूम मुसलमानों पर जुल्म कर सकते हैं। बम-बंदूक के दम पर अफगानिस्तान में कब्जे की कोशिश कर सकते हैं। यही कारण है कि तालिबान उईगर मुसलमानों की नस्लकुशी करने वाली चीन की कम्युनिस्ट सरकार की गोद में बैठ गए हैं।

बात-बात में शरिया-सुन्नत और सीरत का हवाला देकर निर्दोषों की गर्दन मारने वाले तालिबान गिरोह के सरगनाओं में कुछ बीजिंग पहुंच गए। इन सरगनाओं की अगुवाई मुल्ला बरादर कर रहा है। तालिबान ने बीजिंग पहुंचकर ऐलान कर दिया कि वो उईगरों के हिफाजत के बजाए ईस्ट तुर्कमेनिस्तान मूवमेंट के खिलाफ कदम उठाएंगे।

तालिबान ने कहा है कि अगर वो अफगानिस्तान पर काबिज होते हैं तो ईस्ट तुर्कमेनिस्तान मूवमेंट कुचल देंगे मगर अफगानिस्तान की जमीन पर पनपने नहीं देंगे। मालूम हो कि तालिबान के इस कौल-करार के बाद चीन ने तालिबान को माली इमदाद देने वादा किया है। इसी के साथ यह भी कहा है कि भले ही तालिबान अफगानी औरतों-लड़कियों के साथ बलात्कार करता रहे, अफगान मर्दों की गर्दनें मारता रहे और अफगानिस्तान को नरकिस्तान बनाता रहे चीन कभी कुछ नहीं कहेगा।

ध्यान रहे, चार दिन पहले ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और आईएसआई के चीफ फैज हामिद बीजिंग में थे। इसके तुरंत बाद तालिबान का चीन पहुंचना भारत के लिए खतरे की घण्टी है। अमेरिका भी जानता है कि चीन तालिबान के साथ मिलकर बडी समस्या खड़ा कर सकता है। इसलिए दिल्ली आए अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने भारतीय विदेशमंत्री एस जयशंकर के साथ मिलकर इस नैक्सस की काट ढूंढ रहे हैं।