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धीरे-धीरे बदलने लगें Taliban के रंग, नए कानून में कटेंगे हाथ- अवैध संबंध बनाने वालों पर बरसेंगे पत्थर

और बुरे होने वाले हैं अफगानियों के हाल

तालिबान के कब्जा के बाद से अफगानिस्तान में स्थिति बेहद ही खराब होते जा रही है, देश बड़ी आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। जनता सड़कों पर आ गई है यहां तक कि लोग अपना जीवन चलाने के लिए अपने घरों का किमती सामना तक बेच रहे हैं। इन सब के बवजूद तालिबान खुश है, और उसके साथ कुछ देश भी उसकी खुशी में झूम रहे हैं। तालिबान अंतरिम सरकार अब अपने एजेंडे के आधार पर शासन कर रही है। तालिबान ने एक नया मंत्रालय खोला है जिसमें महिलाओँ के लिए कानून बेहद ही कठोर हैं।

तालिबान ने सद्गुण के प्राचर और बुराई की रोकथाम मंत्रालय खोला है, ये सुनने में जितना अच्छा लग रहा है उसके कानून उतने ही खुंखार है। यहां से पता चलता है कि तालिबानी मानसिकता अब भी 20साल पहले वाली ही हैं, क्योंकि इसमें तालिबान का शरिया कानून जैसे ही कठोर सजा है। इसमें पुरुष साथी के बिना महिलाओं के घर के बाहर नौकरी पर जाना तक प्रतिबंध है।

तालिबान का कहना है कि इसे खोलने के पीछे मुख्य उद्देश्य इस्लाम की सेवा करना है, जिसके लिए एक अच्छाई और सद्गुण मंत्रालय की जरूरत है। अफगानिस्तान के केंद्रीय क्षेत्र के लिए जिम्मेदार होने का दावा करने वाले मोहम्मद यूसुफ ने अमेरिकी दैनिक टैब्लॉइनड को बताया है कि, तालिबान शासन उल्लंघन करने वालों को इस्लामी नियमों के अनुसार दंडित करेगा।

यूसुफ ने समझाया कि एक हत्यारा जिसने जानबूझकर अपराध किया है, उसे मार दिया जाएगा। अगर जानबूझकर नहीं किया है को तो एक निश्चित राशि का भुगतान करने जैसी सजा हो सकती है। न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, तालिबानी अधिकारी ने कहा कि चोरों के हाथ काट दिए जाएंगे, जबकि 'अवैध संभोग' में शामिल लोगों को पथराव किया जाएगा। इसके साथ ही उसने कहा है कि, 'अवैध संभोग' में शामिल पुरुषों और महिलाओं दोनों को एक ही कठोर तरीके से सजा दिया जाएगा।

इसके अलावा न्यूयॉर्क पोस्ट में लिखा गया है कि, यूसुफ का कहना है, अगर कहानी में थोड़ा सा भी अंतर है, तो कोई सजा नहीं होगी। लेकिन अगर वे सभी एक ही बात एक ही तरह और एक ही समय पर कह रहे हैं, तो सजा होगी। सुप्रीम कोर्ट इन सभी मुद्दों की अनदेखी करेगा। अगर वे दोषी पाए जाते हैं, तो हम दंडित करेंगे। इसके आगे कहा कि, हम सिर्फ इस्लामी नियमों और विनियमों के साथ एक शांतिपूर्ण देश चाहते हैं। शांति और इस्लामी शासन ही हमारी एकमात्र इच्छा है।