अफगानिस्तान पर 20 साल के बाद एक बार फिर तालिबान का कब्जा हो गया है। उसने देश के राष्ट्रपति भवन पर भी कब्जा जमा लिया है। अल-जजीरा के मुताबिक, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन पर तालिबान लड़ाकों का कब्जा हो गया है। तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि तालिबान लड़ाकों का एक बड़ा समूह राजधानी काबुल में स्थित राष्ट्रपति भवन में है। ऐसे में तालिबान देश को फिर से 'इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान' का नाम दे सकता हैं। सूत्रों की मुताबिक, नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अफगान सरकार ने घुटने टेक दिए हैं।
आपको बता दें कि 4 मई को तालिबान की ओर से हमले की खबर सामने आई थी। जिसके बाद 15 अगस्त यानी कल तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया। 103 दिनों तक चले इस युद्ध में अब तक क्या-क्या हुआ, चलिए आपको बताते हैं।
4 मई– अमेरिकी सेनाओं के लौटते ही तालिबान हरकत में आ गया। उसने अफगान फोर्स पर हमला कर दिया।
11 मई– तालिबान ने राजधानी काबुल के पास ही नेरख जिले पर कब्जा किया।
7 जून– 7 जून तक अफगान के 34 में से 26 प्रांत जंग की आग में झुलस गए।
22 जून– तालिबान लड़ाकों ने देश के उत्तरी हिस्से पर हमला किया। तबतक 370 जिलों में से 50 तालिबान के कब्जे में थे।
5 जुलाई- 5 जुलाई को तालिबान ने अफगान सरकार से बातचीत करने की घोषणा की और कहा- लिखित प्रपोजल अगस्त तक दे दिया जाएगा।
21 जुलाई- देश के कुल 370 जिलों के आधे जिले तालिबान के कब्जे में थे। वहीं अफगान सरकार तालिबानी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर रही थीं।
26 जुलाई– यूएन ने कहा गया कि मई और जून में 2400 से ज्यादा लोग अफगानी लोग इस हिंसा की मारे जा चुके हैं।
6 अगस्त– इस दिन तालिबान ने देश की पहली प्रांतीय राजधानी के तौर पर जरांज पर कब्जा किया।
13 अगस्त– तालिबान ने एक ही दिन में 4 प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा जमाया। जिसमें कंधार, हेरात भी शामिल थे।
14 अगस्त– तालिबान ने उत्तर के शहर मजार ए शरीफ, लोगार प्रांत की राजधानी पुल-ए-आलाम पर कब्जा कर लिया। फिर आतंकी संगठन ने पूर्व का जलालाबाद शहर कब्जा लिया और काबुल को घेर लिया।
15 अगस्त– तालिबान के आतंकी काबुल में घुस गए। राजधानी काबुल में स्थित राष्ट्रपति भवन से तालिबानियों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं।
नोट- ऊपर दी गई तस्वीरें अल-जजीरा और अमल उजाला द्वारा ली गई हैं।