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Terror Finance Pakistan: अमेरिकी एजेंटों के जाल में फंसा दाउद का गुर्गा जाबिर मोतीवाला, खुलेंगे टेरर फाईनेंसिंग के पाकिस्तानी लिंक

अमेरिक एजेंटों के जाल में दाउद का गुर्गा जाबिर मोतीवाला, खुलेंगे टेरर फाईनेंसिंग के पाकिस्तानी लिंक

अमेरिका से तहब्बर राणा के प्रत्यार्पण में लगभग कामयाबी हासिल करने के बाद भारतीय एजेंसियां दाउद के दाहिने हाथ और इंटरनेशनल ड्रग ऑपरेटर जाबिर मोतीबाला को अमेरिकी एजेंसियों को सौंपे जाने की कबायद कर रही हैं। भारतीय एजेंसियां एफबीआई और सीआईए के एजेंटों के साथ लगातार संपर्क में हैं। भारतीय एजेंटों ने अमेरिकी एजेंटों को खबर दी है कि जफर मोतीवाला के बचाव में लंदन स्थित पाकिस्तान हाईकमीशन डटा हुआ है।

इसी आधार पर अमेरिकी एजेंसियों ने इंग्लैण्ड की हाईकोर्ट में जाबिर मोतीवाला के प्रत्यार्पण के लिए याचिका लगाई है। तहब्बुर राणा भारत आ जाता है और जाबिर मोतीवाला अमेरिकी एजेंसियों के हाथ में आ जाता है तो पाकिस्तान का इंटरनेशनल लेवल पर एक बार पर्दाफाश हो जाएगा और उसे मजबूरन दाउद इब्राहीम को दुनिया के सामने लाना पड़ेगा। एक आशंका यह भी जताई जा रही है कि पाकिस्तानी एजेंसियां खुद को फंसता देख दाउद इब्राहीम की हत्या भी करवा सकती हैं।

लंदन स्थित भारतीय सूत्रों का कहना है कि अगर हाईकोर्ट ने जाबिर मोतीवाला के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी, तो उसपर अमेरिका में ड्राग तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों पर सुनवाई होगी, जिससे अमेरिका के कोर्ट में दाउद और आईएसआई (पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी) का पूरे अंडरवर्ल्ड ऑपरेशन से जुड़ा कनेक्शन सामने आ जाएगा।

दरअसल, जाबिर से जुड़े मामले की सुनवाई से ये भी पता चलेगा कि कैसे मुंबई बम धमाकों के मामले में वॉन्टिड वैश्विक आतंकी दाऊद कराची से ही अपना काम कर रहा है और कैसे आईएसआई के संरक्षण वाले आतंकी संगठनों के साथ ड्रग्स के रूट साझा कर रहा है। दाऊद इब्राहिम के लिए काम करने वाला मोतीवाला पाकिस्तानी नागरिक है और वर्तमान में दक्षिणपश्चिमी लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है। हाईकोर्ट ने गुरुवार को जाबिर मोतीवाला के अमेरिका प्रत्यर्पण करने के मामले में फैसले को सुरक्षित रख लिया है।

दरअसल, वेस्टमिन्सटर कोर्ट तहब्बुर राणा को अमेरिका प्रत्यार्पित करने की मंजूरी दे चुकी है। वेस्टमिंस्टर कोर्ट के फैसले के खिलाफ पाकिस्तानी हाईकमीशन ने हाईकोर्ट याचिका डाली थी।  आईएसआई के इशारे पर पाकिस्तानी का मीडिया अलग ही अभियान चला रहा है। पाकिस्तानी मीडिया में कहा जा रहा है कि मोतीवाला कराची के अमीर परिवार से है और उसे अमेरिका की कानून एजेंसियों ने ड्रग्स के मामले में फंसाया है। हालांकि अमेरिका की एजेंसियों ने मोतीवाला के खिलाफ कोर्ट में जो सबूत पेश किए है उनमें वो टेप्स भी शामिल हैं जिसमें उसके ऑडियो विजुल्स कैद हैं। इन टेप्स में दिखाया गया है कि जफर मोतीवाला दाउद के लिए ड्रग्स डील और टेरर फाईनेंसिंग की डील कर रहा है।

जफर मोतीवाला को अपनी गिरफ्त में लेने के बाद अमेरिकी एजेंसियां दाउद के ड्रग्स और टेरर फाइनेंस रैकेट का पर्दाफाश कर देगी। इसी पर्दाफाश के साथ ही पाकिस्तान सरकार और टेररफाइनेंस का लिंक भी जुड़ जाएगा। अगर ऐसा हो जाता है तो पाकिस्तान टेरर फाईनेंसिंग के आरोप में पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट भी कर सकता है।