अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से अगर कोई खुश है तो वो है चीन और पाकिस्तान। इमरान खान तो अपने दोस्त चीन से भी ज्यादा खुश हैं। अफगान में तालिबानियों की जीत का जश्न इस्लामाबाद में मन रहा है। तालिबानियों की मदद को लेकर अब तथ्य धीरे-धीरे सामने आने लगे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान एक बार फिर बेनकाब हो गए हैं। तालिबान के जीत का जश्न मनाने के लिए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (Pok) में आतंकी संगठनों के नेतृत्व में एक रैली का आयोजन किया गया है। इसमें जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकी भाग लेते नजर आए और हवा में गोलियां चलाते हुए दिख रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान में तालिबान की जीत का जश्न पाकिस्तान में मनाया गया। सबसे बड़ी बात ये है कि इस रैली का कोई विरोध नहीं किया गया। बाद में दोनों संगठनों के नेताओं ने रैलियों को भी संबोधित किया। इसके अलावा कुछ पत्रकारों ने तालिबान नेता मुल्ला बरादर और आईएसआई प्रमुख फैज हमीद की एक साथ नमाज अदा करते हुए तस्वीरें पोस्ट की हैं।
Mullan Barader, Sheikh Hakim and Faiz Hameed, ISI chief in one line of prayer. pic.twitter.com/H3UHargijD
— Tajuden Soroush (@TajudenSoroush) August 21, 2021
इमरान खान भी कर चुके हैं तालिबानियों की गुणगान
तालिबानियों की गुणगान खुद प्रधानमंत्री इमरान खान तक कर चुके हैं। एक तरफ जहां अफगानिस्तान में तालिबान अपना आतंक मचा रहा है तो वहीं, इमरान खान को ये लगो बड़े शरीफ लगते हैं। इमरान खान का कहना है कि, तालिबान बुरे लोग नहीं हैं और इस्लाम के सिद्धातों के माध्यम से अफगानिस्तान पर शासन करने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, कुछ दिन पहले पाकिस्तान के एक स्कूल से एक वीडियो सामने आया था, जिसमें छात्र तालिबान की तारीफ करते नजर आ रहे थे।
बताते चलें कि, US के एक सांसद ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया है कि, तालिबान को बढ़ावा देने और उसे अफगानिस्तान पर कब्जा करने में सबसे बड़ी मदद पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी ISI ने की है। यूएस सांसद ने पाकिस्तान पर यह आरोप लगाते हुए कहा है कि, ये देखकर बहुत ही गुस्सा आ रहा है कि इस्लामाबाद तालिबान की जीत का जश्न मना रहा है, जबकि तालिबान की वापसी से अफगान लोगों पर क्रूरता बढ़ जाएगी।