कोरोना वायरस ने दुनियाभर में अपना कहर बपरा रहा है। कोरोना से 35 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 17 करोड़ से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके है। हर किसी को पता है कि इस जानलेवा वायरस के मामले सबसे पहले चीन के वुहान प्रांत से आने शुरु हुए थे। लेकिन इस पर भी चीन लगातार झूठ बोलता आया है, लेकिन उनके एक अधिकारी की गलती से झूठ की पर्दाफाश हो चुका है। बीजिंग ने जब कोविड-19 के पहले केस की जानकारी दी थी, उससे तीन हफ्ते पहले एक 61 साल की महिला में कोरोना जैसे लक्षण दिखे थे।
इस भारी भूल का स्क्रीन शॉट चाइनीज मेडिकल जर्नल को भेज दिया गया। इसके मुताबिक वुहान की कुख्यात लैब से महज एक मील की दूरी पर रहने वाली एक 61 वर्षीय महिला संक्रमित हो गई थी। इसकी पहचान पेशेंट सू के रूप में हुई है। इस महिला का घर हाई स्पीड रेल लाइन के स्टॉप के पास था। ऐसा माना जा रहा है कि इसी वजह से 1.1 करोड़ की आबादी वाले शहर में कोविड-19 इतनी तेजी से फैल गया। इसको लेकर कॉमन फॉरन अफेयर्स कमेटी के चेयरमैन टॉम टुगनहत ने चीन पर निशाना साधा।
टॉम टुगनहत ने कहा कि अब समय आ गया है जब चीन को अपनी सभी फाइलें दुनिया के सामने खोलनी होंगी ताकि दुनिया को सच का पता चल सके। दुनिया को ये पता चलना चाहिए कि आखिर कोरोना वायरस की उत्पत्ति कहां से हुई। उन्होंने कहा कि अगर हमें अपनी गलतियों का पता नहीं होगा तो भविष्य के जोखिम से कैसे बच सकेंगे। वुहान यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर यू छुआनहुआ ने कहा कि फरवरी 2020 तक करीब 47,000 लोगों के डाटा इकट्ठे किए गए थे। इनमें से एक मरीज ऐसी है, जो सितंबर 2019 में बीमार पड़ी थी। इस मरीज का टेस्ट नहीं हुआ था। इस वजह से उसकी मौत हो गई।