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पाकिस्तान को बड़ा झटका देने जा रहा है अमेरिका, इमरान और बाजवा की निकल जाएगी हवा

पाकिस्तान को बड़ा झटका देने जा रहा है अमेरिका, इमरान और बाजवा की निकल जाएगी हवा

तमाम तरह के प्रतिबंधों के बावजूद पाकिस्तान की आर्मी का खर्चा कहां से चल रहा है। उसको सैन्य सहायता कहां से मिल रही हैं। फटेहाल मुल्क पाकिस्तान के पीए्म इमरान और आर्मी चीफ जनरल बाजवा भारत की  किसी सैन्य कार्रवाई के पलटवार के बारे में सोच भी कैसे लेता है? इन सारे सवालों का जवाब भी मिल गया है और यह भी खुशखबरी है कि पाकिस्तान अब न तो ऐसा कर पाएगा और न सोच पाएगा। दरअसल, 2004 में अमेरिका के तत्काल राष्ट्रपति जार्ज बुश ने पाकिस्तान को नॉन नाटो एलाई (प्रमुख गैर नाटो सहयोगी) देश का दर्जा दे रखा था। इस सुविधा के चलते पाकिस्तान को नाटो देशों से सैन्य सहयोग मिल रहा था। अब ट्रंप सरकार ने फैसला किया है कि पाकिस्तान से यह सुविधा छीन ली जाएगी।

पाकिस्तान की इस अंतरराष्ट्रीय हैसियत को बड़ा झटका लगने जा रहा है। अमेरिकी संसद के 117वें सत्र के शुरुआती दिन एक सांसद ने पाकिस्तान का प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी देश का दर्जा खत्म करने के लिए प्रतिनिधि सभा में एक विधेयक पेश किया है। रिपब्लिकन सांसद एंडी बिग्स ने जो विधेयक पेश किया है उसमें पाकिस्तान का प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी देश का दर्जा समाप्त करने का प्रस्ताव रखा गया है।

इस दर्जे के कारण पाकिस्तान को अमेरिका की अधिक रक्षा आपूर्तियों तक पहुंच और सहयोगात्मक रक्षा अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं में भागीदारी  जैसे विभिन्न लाभ मिलते हैं। विधेयक में यह भी कहा गया है कि अमेरिका का राष्ट्रपति पाकिस्तान को प्रमुख नाटो सहयोगी का दर्जा तब तक नहीं दे सकता, जब तक राष्ट्रपति कार्यालय यह प्रमाणित नहीं करता कि पाकिस्तान अपने देश में हक्कानी नेटवर्क के पनाहगाह और उनकी गतिविधियों को ध्वस्त करने वाले सैन्य अभियान चला रहा है। विधेयक में राष्ट्रपति से इस बात को प्रमाणित करने की भी बात है कि पाकिस्तान हक्कानी नेटवर्क के आतंकवादियों के खिलाफ अभियोग चलाने और उन्हें गिरफ्तार करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान के बारे में अमेरिका के दोनों हाउसेस में जो भी रिपोर्ट रखी गई हैं उन सभी में खास तौर पर यह उल्लेख किया गया है कि पाकिस्तान न तो हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है और न अन्य आतंकवादियों के खिलाफ कोई प्रभावी कर रहा है। इसलिए पाकिस्तान से ये सुविधा वापस ले लेनी चाहिए।

इस समय 17 देश अमेरिका के प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी हैं। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी 2018 में पाकिस्तान को मिलने वाली सभी वित्तीय एवं सुरक्षा सहायता रोक दी थीं और उनके प्रशासन ने पाकिस्तान का प्रमुख गैर नाटो सहयोगी देश का दर्जा समाप्त करने पर विचार भी किया था। अब उस विचार को क्रियान्वित किया जा रहा है।.