सोमवार रात को अस्पताल से लौटने के बाद पहली बार व्हाइट हाउस में उपस्थित हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोनोवायरस महामारी से होने वाले नुकसान के लिए "चीन से कीमत" वसूलने का वादा किया और अपने कोविड-19 संक्रमण को "ईश्वर का आशीर्वाद" कहा।
ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में ट्रम्प ने विशेष रूप से एक प्रायोगिक एंटीबॉडी थेरेपी जिसे REGN-COV2 के रूप में जाना जाता है और जिसे अमेरिकी जैव प्रौद्योगिकी कंपनी रेगेनेरॉन द्वारा विकसित किया गया है, की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 रोगियों के लिये वह इस इलाज की उपलब्धता को तेज गति देना चाहते हैं।
ट्रम्प ने कहा, "यह आपकी गलती नहीं थी कि ऐसा हुआ, यह चीन की गलती थी और इसके लिए चीन एक बड़ी कीमत चुकाने जा रहा है कि उन्होंने इस देश के लिए क्या किया है। चीन एक बड़ी कीमत चुकाने जा रहा है, जो उन्होंने दुनिया के लिए किया है। यह चीन की गलती थी।"
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<p dir="ltr" lang="en">A MESSAGE FROM THE PRESIDENT! <a href="https://t.co/uhLIcknAjT">pic.twitter.com/uhLIcknAjT</a></p>
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) <a href="https://twitter.com/realDonaldTrump/status/1313959702104023047?ref_src=twsrc%5Etfw">October 7, 2020</a></blockquote>
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पिछले हफ्ते वॉल्टर रीड नेशनल मिलिट्री मेडिकल सेंटर में भर्ती होने से पहले ट्रम्प को एंटीबॉडी कॉकटेल दिया गया, जब उनको कोविड-19 संक्रमण के कारण बुखार और अन्य लक्षण दिखाई दिये थे। अस्पताल में ट्रम्प के तीन दिनों के दौरान ट्रंप को एंटीवायरल ड्रग, रेमेडिसविर और एक स्टेरॉयड डेक्सामेथासोन की कई खुराकें भी दी गईं, जिसे आमतौर पर कोविड-19 के गंभीर मामलों वाले लोगों में सूजन के इलाज के लिये दिया जाता है।
अमेरिका में कोविड-19 से 210,000 से अधिक मौतें दर्ज की गईं हैं, जो दुनिया के किसी भी देश में सबसे अधिक है। इतनी बड़ी संख्या में कोरोना से लोगों की मौत ने 3 नवंबर को होने वाले आम चुनाव में अमेरिकी मतदाताओं के बीच ट्रम्प की स्थिति को धक्का पहुंचाया है। जिससे उन्हें और उनके प्रशासन को कोविड महामारी के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराने के लिये बार-बार कोशिश करनी पड़ रही है। ट्रम्प अक्सर कोरोनावायरस को "चीन प्लेग" या "चाइना वायरस" बताते रहे हैं।
बीजिंग ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस आरोप पर कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दी, जिसमें कहा गया था कि कोरोनोवायरस "चीन की गलती'' है। जो यह साफ संकेत देता है कि बीजिंग अमेरिका के साथ मौजूदा तनाव को और नहीं बढ़ाना चाहता है। चीन को पहले से ही अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में मुद्दा बनाया जा रहा है और इस विवाद को अभी चीन शायद ज्यादा नहीं बढ़ाना चाहता है। चीन की रणनीति अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम का इंतजार करने और उसके बाद ही कोई कदम उठाने की लग रही है।.