अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होते है चीन सहीत पाकिस्तान में खुशी की लहर है। इसरान खान जहां एक तरफ तालिबान का गुणगान कर रहें हैं तो वहीं तालिबान के बदलते तेवर पाकिस्तान के लिए टाईटेंशन बनने वाली है, क्योंकि तालिबान ने पाकिस्तान को धमकी देते हुए कहा है कि, अब 'काफिर व्यवस्था' बदलने का वक्त आ गया है।
तालिबान के वापसी से तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान काफी खुश है, TTP की खुशी इमरान खान की सरकार के लिए मुसीबत बन सकती है। क्योंकि, हाल ही में अफगानिस्तान की जेल से रिहा हुए पाकिस्तानी तालिबान के नेता मौलनी फकीर मोहम्मद ने युद्धग्रस्त मुल्क में तालिबान की जीत पर खुशी जताई है। फकीर मोहम्मद उन 2300 कैदियों में शामिल था, जिन्हें तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद अलग-अलग जेलों से रिहा किया गया है।
जेल से रिहा होने के बाद फकीर मोहम्मद ने अपने समर्थकों को संबोधित किया। इस दौरान अपने पहले भाषण में पाकिस्तानी तालिबान के नेता ने अपने लड़ाकों से कहा कि अब समय आ चुका है, जब पाकिस्तान में 'काफिर व्यवस्था' को बदलने के लिए अपनी सारी शक्ति का इस्तेमाल किया जाए। इससे पहले पाकिस्तान तालिबान के एक अन्य नेता ने अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में पाकिस्तानी अधिकारियों के खिलाफ युद्ध की चेतावनी दी थी। उसने कहा था कि वह पश्तूनों के मुक्त होने तक सशस्त्र संघर्ष जारी रखेंगे, ऐसे में इमरान सरकार की चिंता बढ़ने वाली है।
अफगानिस्ता की अलग-अलग जेलों में बंद 2300 कैदियों को तालिबान ने रिहा किया। इसमें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट के कई शीर्ष कमांडर शामिल थे। जिसमें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का पूर्व उप प्रमुख मौलवी फकीर मोहम्मद भी शामिल था। उसकी रिहाई को लेकर कहा जा रहा है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान दोनों मुल्कों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।