दुनिया के कई सारे ऐसे देश जो आज के समय में परमाणु हथियार से लैस हैं, जिनके पास परमाणु शक्ति नहीं है इसलिए वो इसे बनाने में लगे हुए हैं। दुनिया ने आजतक दो न्यूक्लियर अटैक देखे हैं और इसका अंजाम बेहद भयानक था। इसीलिए कई शक्तिशाली देश इसे रखना चाहते हैं। यूं तो चीन और रूस (China and Russia) जैसे शक्तिशाली देशों के पास पहले से ही न्यूक्लियर हथियार हैं, बावजूद इसके बाद भी इन्हें और भी एडवांस तरह के परमाणु हथियार की चाह है। अब अपनी चाहत मिटाने के लिए ये देश चांद तक जा पहुंचे हैं।
यूके स्पेस कमांड के हेड एयर वाईस मार्शल पॉल गोडफ्रे के मुताबिक़, चीन और रुस चांद पर खुदाई में कई अरबों पैसे इन्वेस्ट कर रहे हैं। इस स्पेस एक्सप्लोरेशन से वो धरती के लिए तबाही का सामान जुटा रहे हैं। चांद पर कॉस्मिक नुक्लियर हथियार के लिए जरुरी सामान जुटाने के लिए लगातार ये दो देश खुदाई कर रहे हैं। पॉल गोडफ्रे के अनुसार ये दो देश धरती पर तबाही के लिए न्यूक्लियर हथियार बनाने का सामान चांद से जुटा रहे हैं। इसके लिए वहां खुदाई का काम लगातार जारी है. आगे पॉल ने बताया कि आने वाले समय में एस्टेरोइड की खुदाई भी आम बात हो जाएगी।
चांद पर है न्यूक्लियर खजाना
गोडफ्रे ने उन्होंने बताया कि चीन ने सबसे पहले इस बात की जानकारी पाई थी। 2020 में ही बीजिंग ने चांद पर नए फॉस्फेट मिनरल Changesite-(Y) की खोज की थी। इस मिनरल का इस्तेमाल न्यूक्लियर फ्यूजन में किया जाता है। इसके अलावा रुस भी चांद से खतरनाक मिनरल्स धरती पर लाने को लेकर कई प्रॉजेक्ट्स पर काम कर रहा है।
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दूसरे ग्रहों पर खोज जारी
अपने नए खुलासे में गोडफ्रे ने बताया कि चीन और रुस अंतरिक्ष के कई सैटेलाइट्स पर अपना अधिकार जमा रहे हैं। जैसे धरती पर हैकर्स होते हैं, वैसे ही ये देश अंतरिक्ष के सैटेलाइट्स हैक कर रहे हैं। बता दें कि रुस के पास पहले से कई न्यूक्लियर हथियार हैं, साथ ही चीन भी कई सीक्रेट वेपन्स बनाकर बैठा है।ऐसे में अगर अब इनके हाथ और भी हथियार बनाने का सामान लगा, तो ये फिर दुनिया में आतंक मचा देंगे।