Zelensky Accident: यूक्रेन पर हमला बोले रूस को 200 दिनों से ज्यादा हो गया है। इतने दिनों में रूसी सेना ने पूरे यूक्रेन को खंडहर बना दिया है, जिसे वापस अपने पहले जैसे चकाचौंद में लौटने के लिए कई साल लग जाएंगे। यूक्रेन के लिए सबसे मुस्किल का समय तब हुआ है जब-जब रूस ने युद्ध की रणनीति बदली है। इस वक्त भी रूस यही कर रहा है लेकिन, यूक्रेन को लग रहा है कि रूस पीछे हट रह है। इस जंग के बीच में ही यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोदोमीर जेलेंस्की (Zelensky Accident) का एक्सिडेंट हो गया है। इस एक्सीडेंट के बाद जेलेंस्की को (Zelensky Accident) एंबुलेंस के जरिए राष्ट्पति आवास ले जाया गया।
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दरअसल, जेलेंस्की की कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में उन्हें हल्की चोटें ही आई हैं। यूक्रेनी मीडिया पोर्टल द कीव इंडिपेंडेंट ने जेलेंस्की के प्रवक्ता के हवाले से यह जानकारी दी है। प्रवक्ता सेर्ही न्याकिफ़ोरोव ने 15 सितंबर को एक फ़ेसबुक पोस्ट में कहा कि एक कार राष्ट्रपति की कार और मोटरसाइकिल से टकरा गई। दुर्घटना के बाद एक डॉक्टर ने जेलेंस्की की जांच की और कहा है कि वह गंभीर रूप से घायल नहीं है। जेलेंस्की के साथ चलने वाले डॉक्टरों की टीम ने उनकी गहन जांच की। एक्सिडेंट के बाद उन्हें एंबुलेंस के जरिए राष्ट्रपति आवास ले जाया गया। सुरक्षा एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है।
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बता दें कि, रूस और यूक्रेन के बीच ये जंग इतने दिनों की थी ही नहीं। जिसके पास कुछ ही सेना थी वो कैसे इतने दिनों तक जंग लड़ सकता है। यहां तक कि यूक्रेन के जितने सैनिक मारे जा चूके हैं उस अनुसार तो उसके पास फौज ही नहीं बचना चाहिए था। जाहिर सी बात है कि, पश्चिमी देश जिस तरह से हथियार, मिसाइल, ड्रोन और अन्य सैन्य उपकरण-हथियार और आर्थिक रूप से मदद कर रहे हैं। उसी तरह से गुपचुप तरीके से अपनी सेना को यूक्रेन में उतार चुके हैं। पश्चिमी देशों के चलते आज दुनिया भर में महंगाई की मार देखने को मिल रही है। यहां तक कि कुछ पश्चिमी ही देशों का बेहद बुरा हाल है। जिसमें ब्रिटेन और जर्मनी पहले स्थान पर है। जर्मनी में तो गैस की भारी किल्लत के चलते बड़े से बड़े और पुराने कारखाने बंद हो गए। कुल मिलाकर पूरे पश्चिमी देशों में इस वक्त महंगाई की मार देखने को मिल रही है। लेकिन, इसके बाद भी ये समझौता के बजाय जंग को आगे बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं।