पाकिस्तान अपने मुल्क में आतंकवादियों को पनाह देता है यह बात किसी से छुपी नहीं है और विश्व स्तर पर इसके लिए पाक की कई बार आलोचना हुई है यहां तक कि कई बार उसे इसके लिए अपने सर को झुकाना पड़ा है लेकिन फिर भी वो आतंकियों को पनाह देने से बाज नहीं आता। अब अमेरिका ने पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब किया है।
आतंकवाद और आतंकवादियों को आसरा देना पाकिस्तान के लिए अब महंगा पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत कई बार इस मामले को उठा चुका है। लेकिन पाकिस्तान मानने को तैयार नहीं है। अब अमेरिका ने पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब किया है। अमेरिका के एक सांसद ने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान के जड़ें जमाने के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। पाकिस्तान से ही तालिबान नियंत्रित हो रहा है। सीनेट आर्म्ड सर्विस कमेटी के अध्यक्ष जैक रीड ने गुरुवार को संसद में बताया कि तालिबान के बढ़ने में बहुत बड़ा योगदान पाकिस्तान से मिल रही सुरक्षित पनाहगाह है। अमेरिका इसे खत्म करने में असफल रहा है।
हाल ही व्हाइट हाउस की ओर से एक बयान जारी करते हुए युद्धग्रस्त देश से 11 सितंबर तक अपने सभी सैनिकों को वापस बुलाने की बात कही गई है। बाइडेन प्रशासन की ओर से जारी बयान के बाद सांसद ने पाकिस्तान के बारे में खुलासा किया है। अमेरिकी सांसद रीड ने कहा, ''जैसा कि अफगान स्टडी समूह की ओर से बताया गया कि आतंकवाद के लिए ये पनाहगाह जरूरी हैं। इसके अलावा पाकिस्तान की आईएसआई ने मौके का फायदा उठाने के लिए अमेरिका के साथ सहयोग करते हुए तालिबान की मदद की।''
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 2018 के आकलन को देखे तो पाकिस्तान ने सैन्य और खुफिया सहयोग दिया। जिससे अमेरिकी सैनिक, अफगान सुरक्षा बल के जवानऔर नागरिक मारे गए और अफगानिस्तान में भारी रक्तपात मचा। उन्होंने कहा कि, तालिबान को यह समर्थक पाकिस्तान की ओर से अमेरिका के सहयोग के विरोधाभासी है।