कोरोना वायरस पर अब चीन का पर्दाफाश हो ही जाएगा। एक तरफ जहां WHO ने वुहान लैब जाकर फिर से इंन्वेस्टिगेशन की संभावना जाहिर की हैं तो वहीं अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बाइडन ने अपने जासूसों को निर्देश दिए हैं कि तीन महीने में कोरोना वायरस के जन्मस्थान खोज कर रिपोर्ट दें।
बाइडन ने अमेरिकी राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं को भी निर्देश दिए हैं कि वो कोरोना वायरस के जन्म स्थान की खोज करने वाले एजेंटों को हर संभव मदद करें। इसी साथ बाइडन ने चीन से भी अंतरराष्ट्रीय जांच में सहयोग की अपील की है। बाइडेन प्रशासन के इस कदम के बाद बीजिंग भी हरकत में आ गया है। ऐसा बताया जाता है कि चीन ने वुहान लैब की सुरक्षा व्यवस्था और बढ़ा दी है। वुहान के वैज्ञानिकों और डॉक्टरों पर सर्विलांस के साथ साइबर सिक्योरिटी को तीन गुना कर दिया है। चीन ने इसके अलावा डिप्लोमेटिक प्रयास भी तेज कर दिए हैं।
इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)ने कहा है कि उसके जांचकर्ता उस सिद्धांत का दोबारा अध्ययन कर सकता है जिसके तहत कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन की वुहान लैब से हुई मानी जाती है। इसके बाद कोरोना वायरस पूरी दुनिया में महामारी बन कर फैल गया। इस बीच, दुनिया में इस वायरस से अब तक 16.85करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि 35.01लाख लोग जान गंवा चुके हैं।
इसके अलावाअमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक खुफिया रिपोर्ट के हवाले से बताया कि दुनिया में कोरोना वायरस फैलने से करीब एक माह पहले ही वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के तीन शोधकर्ता 2019में बीमार पड़े थे और उन्होंने अस्पताल की मदद मांगी थी। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में वुहान लैब के बीमार शोधकर्ताओं की संख्या, उनके बीमार पड़ने के समय और अस्पताल से जुड़ी सूचनाएं विस्तार से दी है।