अफगानिस्तान में हालात काफी खराबा है। तालिबान तेजी से देश पर कब्जा करते जा रहा है। काबुल को छोड़कर सभी बड़े शहरों पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है। इस बीच बाइडन के प्रशासन ने शुक्रवार को 3,000 सैनिक अफगानिस्तान में उतार दिया है। ये सैनिक तालिबान से लड़ाई करने नहीं बल्कि वहां अमेरिकी दूतावास से अधिकारियों को निकालने में मदद के लिए गए हैं।
अमेरिकी अधिकारियों और कर्मियों की सुरक्षित निकासी के लिए सैनिकों की अस्थायी तैनाती से संकेत मिलता है कि तालिबान देश के बड़े हिस्से पर तेजी से कब्जा बढ़ाता जा रहा है। तालिबान ने शुक्रवार को अफगानिस्तान के दक्षिणी हिस्से में लगभग पूरा कब्जा कर लिया, जहां उसने चार और प्रांतों की राजधानियों पर नियंत्रण हासिल कर लिया। अमेरिका के सैनिकों की पूरी तरह वापसी से कुछ सप्ताह पहले तालिबान धीरे-धीरे काबुल की ओर बढ़ रहा है।
अमेरिका के विदेश विभाग ने कहा कि दूतावास काम करता रहेगा लेकिन हजारों अतिरिक्त अमेरिकी सैनिकों को भेजने का गुरुवार का फैसला इस बात का संकेत है कि तालिबान के दबदबे को रोकने में अफगान सरकार की क्षमता को लेकर अमेरिका का भरोसा अब कमजोर हो रहा है। अफगानिस्तान में अमेरिकी अभियान को इस महीने के आखिर तक समाप्त करने पर अडिग बाइडन ने गुरुवार सुबह अतिरिक्त अस्थायी सैनिकों को भेजने का आदेश दिया। इससे पहले उन्होंने रात में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों से सलाह-मशविरा किया।
ब्रिटेन भी अपने कर्मचारियों और बचे हुए सैनिकों को निकालने के लिए करीब 600 अतिरिक्त सैनिकों को अफगानिस्तान भेजेगा। सूत्रों के अनुसार, इसी तरह काबुल से कनाडाई कर्मियों की सुरक्षित निकासी के लिए कनाडा के विशेष बलों को भी तैनात किया जाएगा।